निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का महत्व और शुभ मुहूर्त: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) सबसे कठिन और पुण्यदायी व्रतों में से एक मानी जाती है। इस साल यह पर्व 6 जून, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त बिना अन्न-जल ग्रहण किए भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर भेजें ये खास शुभकामनाएं
इस पावन अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों को भेजें ये धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश, जो उनके दिन को और भी शुभ बना देंगे:
- “हरि सदा सहायते!
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के पावन पर्व पर भगवान विष्णु आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आएं। शुभ एकादशी!” - “जल की बूंद बिना रखें व्रत,
विष्णु भक्ति से भर दे मन,
मिले आपको मोक्ष का पथ,
शुभ निर्जला एकादशी!” - “भगवान विष्णु की कृपा बनी रहे,
जीवन में खुशियां छाई रहें,
निर्जला एकादशी पर हमारी शुभकामनाएं स्वीकार करें!” - “बिना जल के यह व्रत है अनूठा,
विष्णु भक्ति से मिलेगा फल छूटा,
पावन एकादशी पर हार्दिक शुभकामनाएं!”
निर्जला एकादशी व्रत का फल
शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को करने से:
- सभी पापों का नाश होता है।
- पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- धन-समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
- मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
कैसे करें निर्जला एकादशी का व्रत?
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत रखें।
- अगले दिन द्वादशी पर सुबह दान-पुण्य करने के बाद ही भोजन करें।




