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भारत का बड़ा एक्शन! बगलिहार डैम से चेनाब का पानी रोका, पाकिस्तान में अब क्या होगा?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कार्रवाई की है। भारत ने चेनाब नदी पर बने बगलिहार डैम (Baglihar Dam) से पाकिस्तान को जाने वाले पानी की मात्रा कम कर दी है। यह कदम सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद उठाया गया है।

क्या है पूरा मामला? (Baglihar Dam)

  • भारत ने बगलिहार डैम (Baglihar Dam) (चेनाब नदी) और किशनगंगा डैम (झेलम नदी) से पाकिस्तान को जाने वाले पानी का प्रवाह कम कर दिया है।
  • यह निर्णय पहलगाम हमले के बाद लिया गया है, जिसमें भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।
  • पाकिस्तान इन नदियों पर सिंचाई और पीने के पानी के लिए निर्भर है, इसलिए यह कदम उसके लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

Baglihar Dam से पाकिस्तान में हड़कंप: “सिंधु में पानी नहीं, खून बहेगा”

भारत के इस कदम से पाकिस्तानी नेताओं में बेचैनी फैल गई है:

  • पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने धमकी दी है कि “अगर सिंधु का पानी रोका गया, तो नदी में पानी नहीं, खून बहेगा।”
  • पाकिस्तान ने विश्व बैंक से भी शिकायत की है, लेकिन भारत ने सिंधु जल संधि के तहत अपना अधिकार इस्तेमाल किया है।

सिंधु जल संधि क्या है?

  • यह 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई एक समझौता है, जिसमें 6 नदियों (सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास, सतलज) के पानी का बंटवारा तय किया गया था।
  • भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलज) पर पूरा अधिकार मिला, जबकि पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चेनाब) पर पाकिस्तान का हक है, लेकिन भारत सीमित उपयोग कर सकता है।
  • अब भारत ने इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को पानी देना कम कर दिया है।

भारत ने पाकिस्तान पर क्या-क्या कार्रवाई की?

  1. समुद्री व्यापार पर रोक – पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश नहीं मिलेगा।
  2. आयात-निर्यात बंद – पाकिस्तान से किसी भी सामान का आयात नहीं होगा।
  3. सीमा पर सख्ती – LOC पर पाकिस्तानी घुसपैठ के प्रयासों को विफल किया जा रहा है।
  4. जल संसाधनों पर नियंत्रण – अब बगलिहार और किशनगंगा डैम से पानी कम किया गया है।

Readalso: भारत का पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन: समुद्री व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध


निष्कर्ष: भारत की मजबूत रणनीति

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता दिखाते हुए पाकिस्तान को आर्थिक, कूटनीतिक और जल संसाधनों के मोर्चे पर दबाव बनाया है। यह कदम रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और पाकिस्तान को सीधे प्रभावित करेगा।


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