लव जिहाद या सामाजिक लापरवाही? एक महीने में 56 लड़कियां लापता, मचा हड़कंप!

Abduction of Ambedkar Nagar girls: अंबेडकरनगर में बच्चियों के गायब होने की बाढ़, एक महीने में 56 केस
Abduction of Ambedkar Nagar girls: एक महीने में जिले से 56 लड़कियों के अपहरण की खबर ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इसमें से 40 लड़कियां नाबालिग हैं, और अधिकतर दलित और गरीब परिवारों से ताल्लुक रखती हैं। पुलिस ने अब तक 49 लड़कियों को सकुशल बरामद कर लिया है, जबकि 7 की तलाश जारी है।
आंकड़ों में अपराध की तस्वीर
- कुल अपहरण के मामले: 56
- बरामद लड़कियां: 49
- नाबालिग लड़कियां: 40
- प्रभावित समुदाय: दलित, आर्थिक रूप से कमजोर
- मुस्लिम अपहृताएं: 2
- आरोपी मुस्लिम युवक: 3
लव जिहाद का एंगल – आरोप और जांच
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अवध प्रांत प्रमुख अरविंद पांडे ने इन मामलों को तथाकथित लव जिहाद से जोड़ते हुए मुस्लिम युवकों पर हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर भगाने का आरोप लगाया है।
हालांकि, पुलिस जांच में अब तक अधिकतर मामले प्रेम-प्रसंग से जुड़े पाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट, अपहरण और अन्य धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं।
पुलिस का बयान – “ज्यादातर मामले प्रेम-प्रसंग के”
एसपी केशव कुमार ने बताया कि:
“अब तक 56 में से 49 लड़कियों को सकुशल बरामद किया गया है। ज्यादातर लड़कियां स्वेच्छा से गई थीं। तथ्यों के आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई हो रही है।”
पुलिस ने सभी मामलों में FIR दर्ज कर जांच शुरू की है और संबंधित आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
थाना वार घटनाओं की संख्या
थाना क्षेत्र | मामले |
---|---|
अकबरपुर कोतवाली | 11 |
मालीपुर | 9 |
जलालपुर | 8 |
अहिरौली | 7 |
बसखारी | 6 |
जैतपुर | 5 |
महरुआ, सम्मनपुर | 3-3 |
भीटी, इब्राहिमपुर | 2-2 |
कानून-व्यवस्था पर सवाल, लोगों में असुरक्षा का माहौल
लगातार अपहरण की घटनाओं ने स्थानीय नागरिकों में भय और असंतोष पैदा कर दिया है।
सामाजिक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने इस मामले को गंभीर बताते हुए विशेष जांच दल गठित करने और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने की मांग की है।
अंबेडकरनगर लड़कियों का अपहरण केवल एक कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि समाज, प्रशासन और राजनीतिक चेतना के लिए एक चेतावनी है।
क्या यह लव जिहाद की साजिश है या सामाजिक तंत्र की असफलता? जांच जारी है, लेकिन सवाल कई हैं।