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धराली पर फिर मंडरा रहा खतरा: खीरगंगा के मुहाने पर अटके बोल्डर बन सकते हैं तबाही का कारण

🌊 धराली में फिर तबाही मचा सकती है खीरगंगा, मुहाने पर जमा 15 फीट मलबा

उत्तरकाशी, 14 अगस्त:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में फिर से प्राकृतिक आपदा (Uttarkashi Khirganga Disaster) की आहट सुनाई दे रही है। खीरगंगा नदी के उद्गम स्थल झींडा बुग्याल तक पहुंचकर एनडीआरएफ की पांच सदस्यीय माउंट रेस्क्यू टीम ने जो स्थिति देखी, वह चिंता बढ़ाने वाली है।

🔍 खीरगंगा नदी का मुहाना बना खतरनाक पॉइंट

  • खीरगंगा के मुहाने पर करीब 15 फीट ऊंचा मलबा जमा है।
  • दो विशालकाय बोल्डर नदी के बहाव में अटके हुए हैं।
  • अगर ये बोल्डर बहाव के साथ टूटे तो भारी मात्रा में मलबा धराली की ओर बह सकता है।

📽️ झींडा बुग्याल से हुई वीडियोग्राफी और रेकी

एनडीआरएफ की टीम ने करीब 7-8 किलोमीटर लंबा कठिन ट्रैक पार करके झींडा बुग्याल पहुंची। वहाँ टीम ने:

  • नदी के मुहाने की रेकी की
  • वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट तैयार की
  • संभावित खतरों की पूर्व चेतावनी दी

⚠️ धराली गांव के लिए खतरे की घंटी

एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरएस धपोला ने बताया कि यदि पानी का बहाव तेज हुआ और बोल्डर नीचे आए, तो इससे पहले से जमा मलबा पूरे वेग से बह सकता है और धराली गांव दोबारा तबाही की चपेट में आ सकता है।


📄 प्रशासन को सौंपी गई रिपोर्ट

एनडीआरएफ ने अपनी संपूर्ण रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है, जिसमें नदी के मुहाने पर मौजूद खतरे की स्पष्ट जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन राहत और सुरक्षा के लिए आगामी कदम उठा सकता है।


🚨 क्या हो सकते हैं प्रशासनिक कदम?

  • मलबे और बोल्डर को हटाने की योजना
  • संभावित विस्थापन और राहत केंद्रों की व्यवस्था
  • गांववासियों को अलर्ट पर रखना

🔚 निष्कर्ष: निगरानी और कार्रवाई ज़रूरी

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में खीरगंगा की स्थिति को देखते हुए ये स्पष्ट है कि अब सिर्फ निगरानी नहीं, बल्कि त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। वरना प्राकृतिक आपदा दोबारा बड़ी जनहानि का कारण बन सकती है।

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