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राठौड़ का कांग्रेस पर बड़ा हमला: “देश संकट में हो तब भी कांग्रेस विदेशी ट्वीट पर करती है विश्वास!”

जयपुर, 26 मई 2025 – BJP के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस की जय हिंद सभा को ‘‘खीज सभा’’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस अब भी अपनी ब्रिटिश मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाई है। राठौड़ ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीकानेर में ऐतिहासिक सभा की, उसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सीमावर्ती इलाकों में जाकर झूठ, फरेब और पाखंड की त्रिवेणी बहा दी।

आरएसएस पर बयान को बताया “अल्पज्ञान”

राठौड़ (Rajendra Rathore) ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा कि संघ परिवार को तिरंगे में विश्वास नहीं है। इस पर राठौड़ ने बताया कि तिरंगा फहराने की अनुमति पहले केवल सरकारी इमारतों पर थी, लेकिन जिंदल केस के बाद जब सर्वोच्च न्यायालय ने इसे आम नागरिक का अधिकार बताया, तभी से संघ मुख्यालय में भी तिरंगा फहराया जाता है।

उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार ने 1930 में कांग्रेस के पूर्ण स्वराज प्रस्ताव के बाद ही शाखाओं में स्वतंत्रता दिवस मनाने का निर्देश दिया था।

Rajendra Rathore : कांग्रेस की राष्ट्रभक्ति पर उठाया सवाल

राठौड़ ने कहा,

देश पर जब संकट आता है, तो सच्चा राष्ट्रभक्त देश के साथ खड़ा होता है। लेकिन कांग्रेस को अपने ही प्रधानमंत्री और सेना की बात पर भरोसा नहीं। इन्हें यकीन होता है तो विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के ट्वीट्स पर!”

उन्होंने कांग्रेस पर फूट डालो और राज करो की मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी का राष्ट्र के प्रति कोई समर्पण भाव नहीं दिखता।

पाकिस्तान पर नरमी, मोदी की नीति सख्त

राठौड़ ने 2013 की घटना को याद दिलाते हुए कहा कि तब पाकिस्तानी सैनिक ने भारतीय जवान का सिर काटकर ले जाया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत प्रधानमंत्री मोदी की नीति स्पष्ट है –
“ना खून और पानी साथ बह सकते हैं, और ना ही टॉक और टेररिज्म साथ चल सकते हैं।”

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सिंदूर ऑपरेशन और पाक की गुहार

राठौड़ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की बड़ी जवाबी कार्रवाई थी। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने खुद सीजफायर की गुहार लगाई, जिसे भारतीय सेना ने केवल स्थगित किया, समाप्त नहीं। उन्होंने इसे भारत के राजनीतिक नेतृत्व और सैन्य ताकत की जीत बताया।

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