पशुपालन शासन सचिव डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक, योजनाओं की प्रगति पर जोर

Rajasthan News: जयपुर में आयोजित हुई राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक
Rajasthan News: पशुपालन, गोपालन और मत्स्य विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक बुधवार को शासन सचिवालय, जयपुर में आयोजित हुई।
बैठक की अध्यक्षता शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने की, जबकि
पशुपालन, गोपालन और डेयरी मंत्री श्री जोराराम कुमावत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं —
एएमएस (Animal Management System),
केपीआई (Key Performance Indicators) आधारित ग्रेडिंग प्रणाली
तथा अन्य योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई।
मंत्री जोराराम कुमावत ने दी दिशा-निर्देश
मंत्री श्री कुमावत ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि
मुख्यमंत्री द्वारा विभाग की मांगों को प्राथमिकता देने से मैन पावर की कमी काफी हद तक पूरी हुई है और
नए पशु चिकित्सा संस्थान भी खोले गए हैं।
उन्होंने कहा —
“लंपी रोग कुछ जिलों में फैला जरूर है, लेकिन विभाग ने समय रहते सावधानी बरती और स्थिति को नियंत्रित किया।”
मंत्री ने जैसलमेर जिले में सर्रा रोग के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और
निर्देश दिया कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
साथ ही दवाओं की उपलब्धता और मौसमी बीमारियों की रोकथाम पर विशेष ध्यान देने को कहा।
उन्होंने मुख्यमंत्री के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा —
“2030 तक मुंहपका-खुरपका (FMD) रोग के पूर्ण नियंत्रण के लिए विभाग को पूरी ईमानदारी से कार्य करना होगा।”
6.8 लाख पशुपालकों को मिला लाभ
बैठक में बताया गया कि ग्रामीण सेवा शिविरों के माध्यम से
अब तक 6,80,113 पशुपालकों के 61,75,653 पशुओं को विभिन्न सेवाओं का लाभ मिल चुका है।
साथ ही 2,09,425 पशुपालकों को मंगला पशु बीमा प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए हैं।
कार्यशाला में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना,
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट्स, कॉल सेंटर एवं चैटबॉट सेवाएं,
और सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक जैसे आधुनिक उपायों के प्रचार-प्रसार पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में बड़ा विस्तार
डॉ. शर्मा ने बताया कि
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट घोषणा 121 के अनुसार
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में पशुपालकों की संख्या को दोगुना किया जाएगा।
योजना पर ₹200 करोड़ का अतिरिक्त व्यय प्रस्तावित है,
जिसके तहत कुल 42 लाख पशुओं (गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट) का बीमा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष बीमा का कार्य एक ही चरण में किया जाएगा
ताकि समय और संसाधनों की बचत के साथ पशुपालकों को समय पर लाभ मिले।
साथ ही, चयन प्रक्रिया में लॉटरी प्रणाली हटाकर “पहले आओ, पहले पाओ” व्यवस्था लागू की गई है।
नई पशु चिकित्सा संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन
डॉ. शर्मा ने बताया कि
नवीन पशु चिकित्सा संस्थाओं के लिए 952 पट्टों के लक्ष्य के विरुद्ध
अब तक 835 संस्थानों के लिए भूमि के पट्टे प्राप्त हो चुके हैं।
उन्होंने अधिकारियों को जिला कलेक्टर्स के साथ समन्वय कर
शेष कार्य को गति देने के निर्देश दिए।
सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक बनेगी “गेम चेंजर”
डॉ. शर्मा ने कहा कि
सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक राजस्थान की आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए
एक गेम चेंजर साबित हो सकती है।
उन्होंने इस तकनीक की प्रगति पर असंतोष जताते हुए
अधिकारियों को इसकी सघन मॉनिटरिंग और प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ाने के निर्देश दिए।
“अधिक से अधिक पशुधन निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए
ताकि तकनीक का लाभ ज्यादा पशुपालकों तक पहुंच सके।”
टीकाकरण और केपीआई आधारित निगरानी
डॉ. शर्मा ने एफएमडी टीकाकरण अभियान की समीक्षा करते हुए
साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित कर 100% टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी टीकाकरण रिकॉर्ड का इंद्राज ‘पशुधन एप’ पर किया जाए।
साथ ही, 100 अंकों की केपीआई रैंकिंग प्रणाली के तहत
सभी पशु चिकित्सा संस्थानों की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों की सराहना
डॉ. शर्मा ने विभिन्न जिलों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों से
व्यक्तिगत रूप से बात की और उनकी सराहना की।
उन्होंने अन्य चिकित्सकों को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी।
अधिकारियों ने दी भागीदारी
बैठक में संयुक्त शासन सचिव दिनेश कुमार जांगिड़ ने कहा —
“विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए टीम वर्क, अनुशासन और समय प्रबंधन बेहद जरूरी है।”
राज्य स्तरीय बैठक में
पशुपालन निदेशक एवं आरएलडीबी के सीईओ डॉ. आनंद सेजरा,
विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, संभागों के अतिरिक्त निदेशक,
संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
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