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जन्माष्टमी पर जयपुर में श्रद्धा का महासागर: गोविंद देवजी और अक्षय पात्र मंदिर में लाखों भक्त, रात 12 बजे होगा ठाकुर जी का दिव्य प्राकट्योत्सव!

🌟 जयपुर में जन्माष्टमी (Jaipur Janmashtami 2025) की धूम: गोविंद देवजी और अक्षय पात्र मंदिर में आस्था का सैलाब

Jaipur Janmashtami 2025 – राजधानी जयपुर में इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भव्यता और आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। विशेष रूप से गोविंद देवजी मंदिर और अक्षय पात्र मंदिर में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ा है।

सुबह से ही दोनों मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर कोई ठाकुर जी के दिव्य दर्शन करने को आतुर नजर आया।

🕓 सुबह 4:30 बजे शुरू हुई मंगला झांकी

गोविंद देवजी मंदिर में सुबह 4:30 बजे मंगला झांकी के साथ दर्शन प्रारंभ हुए। ठाकुर जी को पीले वस्त्र पहनाकर विशेष श्रृंगार किया गया। मंदिर प्रांगण, जय निवास बाग और आसपास के मार्ग भक्तों से खचाखच भर गए।

व्यवस्थापकों के अनुसार, सुबह से शाम तक लगभग 8 से 10 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।

🙏 अक्षय पात्र मंदिर में भी भक्तों का तांता

अक्षय पात्र मंदिर, जो न केवल अपने सेवा कार्यों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि धार्मिक आयोजनों में भी अग्रणी है, वहां भी हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण की महाआरती में भाग लिया। मंदिर प्रांगण में भजन संध्या, गोपाल लीला और रासलीला का आयोजन किया गया।

🌙 रात 12 बजे ठाकुर जी का प्राकट्योत्सव

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रात 12 बजे ठाकुर जी का प्राकट्योत्सव अत्यंत भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस दौरान:

  • 🔸 31 तोपों की सलामी
  • 🔸 शंखनाद और वेदपाठ
  • 🔸 900 किलो पंचामृत से अभिषेक
  • 425 लीटर दूध
  • 365 किलो दही
  • 11 किलो घी
  • 85 किलो बूरा
  • 11 किलो शहद

🎆 आतिशबाजी, भजन और पंजीरी वितरण

प्राकट्योत्सव के बाद भव्य आतिशबाजी से जयपुर का आकाश जगमगा उठेगा। ठाकुर जी को पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्हड़ का भोग अर्पित किया जाएगा।

जय निवास बाग स्थित मंच से भक्तों को निशुल्क चरणामृत और पंजीरी वितरित की जाएगी।

🎭 पूरे शहर में जन्माष्टमी का उल्लास

जयपुर के अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी का रंग देखने को मिला:

  • घड़ी वाले गोपीनाथ जी मंदिर (पुरानी बस्ती) – ठाकुर जी को ₹4 लाख की लग्जरी घड़ी पहनाई गई।
  • श्री राधा दामोदर मंदिर (चौड़ा रास्ता) – 300 साल पुरानी परंपरा अनुसार दिन में ही नंदलाल का प्राकट्य उत्सव मनाया गया।

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