Guru Nanak Jayanti Pakistan: पाकिस्तान पहुंचे 2100 भारतीय सिख श्रद्धालु, वाघा बॉर्डर पर हुआ गर्मजोशी से स्वागत
इस्लामाबाद / लाहौर (Guru Nanak Jayanti Pakistan):
गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के पावन अवसर पर भारत से 2100 सिख तीर्थयात्री मंगलवार को वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे। पाकिस्तान के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं का फूलों और नारों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया।
यह दौरा मई में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए चार दिवसीय संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष संपर्क का पहला अवसर माना जा रहा है।
ननकाना साहिब में होगा मुख्य समारोह
पाकिस्तान के ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB)’ के प्रवक्ता गुलाम मोहिउद्दीन ने बताया कि तीर्थयात्रियों ने वाघा बॉर्डर पार करने के बाद आव्रजन और सीमा शुल्क औपचारिकताएं पूरी कीं, जिसके बाद उन्हें विशेष बसों से गुरुद्वारा जन्मस्थान, ननकाना साहिब रवाना किया गया।
मुख्य समारोह बुधवार को ननकाना साहिब में आयोजित होगा — यह वही स्थान है जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था।
श्रद्धालुओं का हुआ गर्मजोशी से स्वागत
वाघा बॉर्डर पर श्रद्धालुओं का स्वागत करने पहुंचे —
- सरदार रमेश सिंह अरोड़ा, अध्यक्ष (पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) एवं मंत्री (अल्पसंख्यक मामलों),
- साजिद महमूद चौहान, प्रमुख (ETPB)
- और नासिर मुश्ताक, अतिरिक्त सचिव (धार्मिक स्थल)।
भारत से पहुंचे प्रमुख श्रद्धालुओं में अकाल तख्त के नेता ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बीबी गुरिंदर कौर और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के रविंदर सिंह स्वीटा शामिल रहे।
दर्शन करेंगे प्रमुख पवित्र स्थलों के
10 दिवसीय प्रवास के दौरान भारतीय श्रद्धालु निम्न पवित्र गुरुद्वारों का दर्शन करेंगे:
- गुरुद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब
- गुरुद्वारा पंजा साहिब (हसन अब्दाल)
- गुरुद्वारा सच्चा सौदा (फारूखाबाद)
- गुरुद्वारा दरबार साहिब (करतारपुर)
तीर्थयात्री 13 नवंबर को अपने वतन भारत लौटेंगे।
सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था
पाकिस्तान प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं:
- सभी गुरुद्वारों को प्रकाश और सजावट से सुंदर रूप दिया गया है।
- रेस्क्यू 1122 और ETPB मेडिकल यूनिट की टीमें हर समय मौजूद रहेंगी।
- रेंजर्स, पुलिस, विशेष बल और ETPB की अपनी सुरक्षा शाखा को सुरक्षा में लगाया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, सभी प्रवेश बिंदुओं पर फूलप्रूफ सुरक्षा और साफ-सफाई के इंतजाम किए गए हैं।
धार्मिक एकता का संदेश
गुरु नानक देव जी की जयंती न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि भारत-पाक संबंधों में धार्मिक सद्भावना का प्रतीक भी है।
दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद यह यात्रा भक्ति, शांति और मानवता के साझा मूल्यों की याद दिलाती है।




