
राजस्थान के भरतपुर जिले में गुर्जर समुदाय ने एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आंदोलन (Gurjar agitation) शुरू कर दिया है। पीलूपुरा गांव में हुई महापंचायत के बाद युवाओं ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया और दिल्ली-मुंबई रूट को प्रभावित किया।
क्या हैं गुर्जर की मुख्य मांगें?
- विशेष पिछड़ा वर्ग (MBC) के तहत 5% अतिरिक्त आरक्षण
- पिछले आंदोलनों के दौरान हुई हिंसा के मामलों को वापस लेना
- आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी
नेतृत्व और सरकार की प्रतिक्रिया
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा:
“हमें अधूरे अधिकार मिले हैं। सरकार को सक्षम अधिकारी भेजकर लिखित प्रस्ताव देना चाहिए।”
वहीं गृह राज्य मंत्री जवाहर बेढम ने प्रश्न उठाया:
“जब सरकार बातचीत के लिए तैयार है, तो महापंचायत की क्या जरूरत?”
स्थिति की ताजा अपडेट
- गुर्जर समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने भरतपुर के पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक जाम जारी रखा
- दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर 20 से अधिक ट्रेनें प्रभावित
- हिंडौन-बयाना हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप
- प्रशासन ने क्षेत्र में सेक्शन 144 लागू किया
आंदोलन के नए मोड़
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने आज सुबह नए बयान में कहा:
“हम सरकार के खोखले वादों से तंग आ चुके हैं। अब केवल लिखित आश्वासन ही स्वीकार्य होगा।”
सरकार की ओर से गृह मंत्री जवाहर बेढम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“हम शांतिपूर्ण वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था भंग नहीं होने देंगे।”
प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था
- भरतपुर और करौली जिले में 30 कंपनियां पुलिस तैनात
- आरएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की टीमें मौके पर
- ड्रोन से निगरानी की जा रही है
जनजीवन पर प्रभाव
- स्थानीय स्कूल-कॉलेज बंद
- बयाना और हिंडौन में दुकानें बंद
- आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी वाहन प्रतिबंधित
सरकार की तैयारियां
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें:
- आंदोलनकारियों से बातचीत की रणनीति तय होगी
- प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली पर चर्चा
- वैकल्पिक यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपाय
यातायात पर प्रभाव
- हिंडौन-बयाना स्टेट हाईवे पर यातायात रोका गया
- रेलवे ट्रैक जाम होने से कई ट्रेनें रद्द
- वैकल्पिक मार्गों से यातायात को डायवर्ट किया गया
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इतिहास में गुर्जर आंदोलन (Gurjar agitation)
यह समुदाय पिछले दो दशक से आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। 2007-08 और 2015 में हुए आंदोलनों में कई लोगों की जान गई थी। 2019 में सरकार ने विशेष पिछड़ा वर्ग को 5% आरक्षण देने का वादा किया था।