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PGI रोहतक में इलाज कर रहा था 12वीं पास युवक, डॉक्टर बनकर पहुंचा OT तक!

🏥 रोहतक PGI में फर्जी डॉक्टर(Fake doctor in Rohtak PGI) का पर्दाफाश, 12वीं पास युवक दे रहा था मरीजों को इलाज

हरियाणा के रोहतक पीजीआई अस्पताल में गुरुवार को बड़ा खुलासा (Fake doctor in Rohtak PGI) हुआ। एक 12वीं पास युवक खुद को डॉक्टर बताकर अस्पताल की ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर (OT) तक में ड्यूटी कर रहा था। अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर की सतर्कता से यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया।

📌 इंटर्न बनकर पहुंचा युवक, पहचानने पर खुली पोल

फर्जी डॉक्टर की पहचान सोनीपत जिले के निजामपुर माजरा निवासी साहद के रूप में हुई है। साहद ने पीजीआई में हड्डी रोग विभाग की माइनर ओटी में ड्यूटी दी। बताया गया है कि वह अपने दोस्त, रोहतक के कंसाला गांव निवासी और असली इंटर्न कृष्ण की जगह काम कर रहा था।

पीजीआई में इलाज कराने आए एक व्यक्ति ने साहद को पहचान लिया और सीनियर डॉक्टर को बताया कि यह युवक उनके गांव का है और डॉक्टर नहीं है। संदेह होने पर वरिष्ठ डॉक्टर ने जांच की और फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

🧾 फोटो दिखाकर सीनियर डॉक्टर को बहकाने की कोशिश

पूछताछ के दौरान साहद ने मोबाइल फोन में एप्रेन पहना हुआ फोटो दिखाकर खुद को डॉक्टर साबित करने की कोशिश की, लेकिन अनुभवी डॉक्टर के सवालों में वह उलझ गया। उसके पास कोई वैध डॉक्यूमेंट या पहचान पत्र नहीं था।

🎓 सिर्फ 12वीं पास, डिप्लोमा किया हुआ निकला युवक

पुलिस जांच में सामने आया कि साहद केवल 12वीं पास है और उसने पेशेंट केयर असिस्टेंट का डिप्लोमा किया हुआ है। साहद ने स्वीकार किया कि वह अपने दोस्त कृष्ण की जगह दोस्ती में आकर ड्यूटी दे रहा था।

🚔 पुलिस ने किया गिरफ्तार, दोनों के खिलाफ केस दर्ज

पीजीआई प्रशासन ने तुरंत पीजीआई थाना पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी रोशन लाल ने बताया कि साहद को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इंटर्न दोस्त कृष्ण के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

🏛️ पीजीआई और एनएमसी करेंगे कड़ी कार्रवाई: डॉ. वरुण अरोड़ा

पीजीआई निदेशक जनसंपर्क डॉ. वरुण अरोड़ा ने बताया कि संस्थान इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। इंटर्न की जगह ड्यूटी देने वाले फर्जी युवक के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी जा चुकी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को भी शिकायत भेजी जाएगी ताकि मेडिकल एथिक्स का उल्लंघन करने वाले पर सख्त कार्रवाई हो सके।

PGI जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में फर्जी डॉक्टर का पकड़ा जाना स्वास्थ्य व्यवस्था की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। प्रशासन की सजगता और सतर्कता से यह मामला सामने आया, लेकिन अब जरूरत है ऐसी घटनाओं से सीख लेने और सुरक्षा प्रक्रिया को और मजबूत करने की।

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