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VP Poll Result: सीपी राधाकृष्णन बने देश के नए उपराष्ट्रपति, 152 वोटों से सुदर्शन रेड्डी को हराया

CP Radhakrishnan Vice President: भारत को मिला नया उपराष्ट्रपति – एनडीए के सीपी राधाकृष्णन ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत

CP Radhakrishnan Vice President: देश के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं सीपी राधाकृष्णन, जो एनडीए के उम्मीदवार और मौजूदा समय में महाराष्ट्र के राज्यपाल भी हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया

कितने वोट मिले? पूरी मतगणना का ब्यौरा

  • कुल वोट पड़े: 767
  • वैध वोट: 752
  • अवैध वोट: 15
  • मतदान प्रतिशत: 98%

🔷 सीपी राधाकृष्णन (NDA): 452 वोट
🔷 बी सुदर्शन रेड्डी (INDIA गठबंधन): 300 वोट

सुदर्शन रेड्डी का बयान – वैचारिक लड़ाई जारी रहेगी

चुनाव परिणाम के बाद विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा:

“हालांकि परिणाम मेरे पक्ष में नहीं हैं, फिर भी वैचारिक लड़ाई और अधिक जोश के साथ जारी रहेगी।”

चुनाव प्रक्रिया और मतदान में किसने लिया हिस्सा?

  • सबसे पहले मतदान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया
  • अन्य प्रमुख वोटर्स:
  • सोनिया गांधी
  • राहुल गांधी
  • राजनाथ सिंह
  • एचडी देवेगौड़ा (व्हीलचेयर पर पहुंचे)
  • प्रियंका गांधी वाद्रा
  • अखिलेश यादव
  • शरद पवार
  • असदुद्दीन ओवैसी
  • जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद

मतगणना शाम 6 बजे शुरू हुई और नतीजे देर शाम घोषित किए गए।

कांग्रेस का दावा और वोटों का गणित

कांग्रेस ने दावा किया था कि उनके उम्मीदवार के पक्ष में 315 सांसदों ने मतदान किया। हालांकि अंतिम वोटिंग में उन्हें 300 वोट ही मिल सके।

  • BRS और BJD ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया
  • अकाली दल का एक सांसद बाढ़ के कारण वोट नहीं डाल सका

दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से

  • सीपी राधाकृष्णन: तमिलनाडु से, गौंडर समुदाय से संबंध, RSS पृष्ठभूमि
  • सुदर्शन रेड्डी: तेलंगाना से, कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?

  • 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद
  • 2023 में झारखंड के राज्यपाल नियुक्त
  • जुलाई 2024 में बने महाराष्ट्र के राज्यपाल
  • विवादास्पद मुद्दों से दूर रहने वाले नेता
  • साफ-सुथरी छवि और सधी हुई राजनीतिक शैली के लिए जाने जाते हैं

एक शांत लेकिन निर्णायक जीत

सीपी राधाकृष्णन की जीत केवल एक राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि बीजेपी और एनडीए के मजबूत संगठनात्मक आधार का भी प्रतीक है। वहीं विपक्ष के लिए यह एक सबक है कि वैचारिक संघर्ष के साथ-साथ संख्या बल भी अहम है।

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