कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर? जानें सेना की पहली महिला डीजी मेडिकल सर्विस की प्रेरक कहानी

भारतीय सेना में इतिहास रचने वाली लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर (Lt Gen Sadhna Saxena Nair) पहली महिला हैं, जिन्होंने डीजी मेडिकल सर्विस (आर्मी) का पद संभाला। वायुसेना में एयर मार्शल रैंक तक पहुंचने वाली दूसरी महिला मेडिकल ऑफिसर साधना ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन, आखिर कौन हैं साधना सक्सेना नायर, और कैसे उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया? आइए, उनकी प्रेरक कहानी जानते हैं।
साधना सक्सेना नायर (Lt Gen Sadhna Saxena Nair) का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने उत्कृष्ट शैक्षणिक रिकॉर्ड के साथ स्नातक डिग्री हासिल की और दिसंबर 1985 में सेना चिकित्सा कोर में कमीशन प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने फैमिली मेडिसिन में पोस्टग्रेजुएशन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, और स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में डिप्लोमा हासिल किया। साधना ने दिल्ली के एम्स से मेडिकल इंफॉर्मेटिक्स में दो साल का प्रशिक्षण भी पूरा किया।
करियर में मील के पत्थर
साधना सक्सेना नायर (Lt Gen Sadhna Saxena Nair) वायुसेना की पश्चिमी एयर कमान और प्रशिक्षण कमान की पहली महिला चीफ मेडिकल ऑफिसर रहीं। उनकी नियुक्ति डीजी हॉस्पिटल सर्विसेस (आर्म्ड फोर्सेज) के रूप में हुई, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उनके पति, केपी नायर, जो 2015 में इंस्पेक्शन एंड फ्लाइट सेफ्टी के डीजी के रूप में रिटायर हुए, के साथ वे देश के पहले ऐसे कपल हैं, जिन्होंने एयर मार्शल रैंक हासिल किया।
पुरस्कार और सम्मान
साधना को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए कई सम्मान मिले हैं। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा पदक, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी वायु कमान, और चीफ ऑफ द एयर स्टाफ प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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साधना सक्सेना नायर की प्रेरणा
लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। उनकी मेहनत, समर्पण, और नेतृत्व ने न केवल भारतीय सेना में बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है।
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