Rajasthan
राजस्थान पुलिस ने रचा इतिहास, पहली बार मिला DGCA प्रमाणित ड्रोन इंस्ट्रक्टर

राजस्थान पुलिस ने तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी (आईटीए), जयपुर के रमेश शर्मा भारत सरकार के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा प्रमाणित पहले ड्रोन इंस्ट्रक्टर (DGCA certified drone instructor) बन गए हैं। यह उपलब्धि राजस्थान पुलिस की ड्रोन निगरानी और फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूती देगी।
क्या है DGCA रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर (DGCA certified drone instructor) कोर्स?
- यह एक राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे पास करने के लिए केवल 22% उम्मीदवार ही सफल होते हैं।
- रमेश शर्मा ने पहले प्रयास में ही यह परीक्षा पास की।
- अब वे राजस्थान पुलिस के अन्य अधिकारियों को ड्रोन संचालन, सुरक्षा नियमों और उड़ान तकनीकों का प्रशिक्षण दे सकेंगे।
राजस्थान पुलिस की सुरक्षा रणनीति में ड्रोन तकनीक का बड़ा योगदान
1. सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी
- ड्रोन से अवैध घुसपैठ, तस्करी और अपराधिक गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
- राजस्थान की लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा (पाकिस्तान से लगी) पर यह तकनीक खासी मददगार साबित होगी।
2. अपराध नियंत्रण और फोरेंसिक जांच में मदद
- ड्रोन फोरेंसिक लैब और रिसर्च सेंटर की स्थापना की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
- आतंकवाद और नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में ड्रोन से सर्विलांस क्षमता बढ़ेगी।
3. आपदा प्रबंधन में सहायक
- बाढ़, भूकंप या दुर्घटनाओं के समय ड्रोन से रियल-टाइम डेटा और रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद मिलेगी।
कैसे हुई यह उपलब्धि संभव?
- पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस) संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में यह पहल की गई।
- आईटीए की एएसपी शालिनी सक्सेना ने बताया कि रमेश शर्मा को विशेष रूप से इस कोर्स के लिए चुना गया था।
- अब वे प्रमाणित रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (RPTO) में ट्रेनर की भूमिका निभा सकेंगे।
निष्कर्ष: “राजस्थान पुलिस की तकनीकी क्रांति में नया अध्याय”
रमेश शर्मा की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह राजस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को एक नया आयाम देगी। ड्रोन तकनीक के विस्तार से अपराध नियंत्रण, सीमा सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
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