विरासत-ए-झज्जर में दिखा हरियाणा का असली रंग! संस्कारम विश्वविद्यालय में हुआ भव्य सांस्कृतिक महोत्सव
Virasat-e-Jhajjar Festival Haryana: हरियाणा की विरासत का जीवंत आईना—‘विरासत-ए-झज्जर’ महोत्सव
Virasat-e-Jhajjar Festival Haryana: संस्कारम विश्वविद्यालय, पटौदा (झज्जर) में आयोजित विरासत-ए-झज्जर महोत्सव ने हरियाणा की संस्कृति, परंपरा, ग्रामीण जीवन और गौरवशाली इतिहास को सजीव कर दिया। यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हरियाणा की आत्मा का पारदर्शी आईना साबित हुआ।
असली ग्रामीण हरियाणा का जीवंत प्रदर्शन
महोत्सव में प्रदर्शित चौपाल, बैठक, नौहरा, रसोई, तीजन, गितवाड़, पूजा-घर, कुआँ-पूजन जैसे दृश्य देखकर दर्शक हरियाणा की असली मिट्टी की खुशबू से सराबोर हो उठे।
यह आयोजन झज्जर की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ जिले की प्रगतिशील विकास यात्रा का प्रतीक भी रहा।

कृषि से लेकर स्वास्थ्य तक—शैक्षणिक विभागों का अद्भुत प्रदर्शन
कृषि विज्ञान विभाग
- पारंपरिक खेती की तकनीक
- ऑर्गेनिक खेती
- आधुनिक कृषि नवाचार
वेटरनरी महाविद्यालय
- भैंस एवं गाय की नस्ल-सुधार
- पशु उपचार तकनीक
- ग्रामीण पशु-चिकित्सा की जानकारी
**मेडिकल कॉलेज 🩺 **
- घरेलू नुस्खों से आधुनिक स्वास्थ्य तक
- वैज्ञानिक स्वास्थ्य संरक्षण पद्धतियाँ
इंजीनियरिंग स्कूल
- पुरानी ग्रामीण तकनीकों से हाईटेक उपकरणों तक
- आधुनिक नवाचार और तकनीकी विकास
परंपरा से लेकर खेल तक—झज्जर की उपलब्धियों की शानदार प्रदर्शनी
विशेष होर्डिंग्स और लाइव स्क्रीन के माध्यम से
- पारंपरिक खेल
- राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झज्जर की उपलब्धियाँ
शानदार तरीके से प्रस्तुत की गईं।

मुख्य अतिथि का संबोधन – “यह सिर्फ महोत्सव नहीं, हरियाणा की आत्मा का उत्सव”
मुख्य अतिथि: श्री स्वप्निल रविन्द्र पाटिल (IAS), उपायुक्त झज्जर
उन्होंने कहा कि विरासत-ए-झज्जर ने हरियाणा की संस्कृति, कृषि, पशुपालन, लोककला और आधुनिक तकनीक को जिस रूप में प्रस्तुत किया है, वह “अभूतपूर्व” है।
यह आयोजन हरियाणा की पहचान को वैश्विक मंच पर ले जाता है।
चांसलर डॉ. महिपाल का संदेश
चांसलर डॉ. महिपाल ने कहा:
- यह महोत्सव हरियाणा की असली आत्मा का उत्सव है।
- उद्देश्य है शिक्षा को परंपरा और आधुनिकता से जोड़कर नई पीढ़ी को मजबूत आधार देना।
- संस्कारम विश्वविद्यालय आगे भी ऐसे सांस्कृतिक प्रयास करता रहेगा।
पुलिस उपायुक्त श्री लोगेश कुमार (IPS)
उन्होंने कहा कि हरियाणा की संस्कृति—वीरता, परिश्रम और सरलता—का अद्भुत प्रदर्शन इस आयोजन में देखने को मिला।
संस्कृति से जुड़े युवा समाज के लिए अनुशासित और संवेदनशील बनते हैं।
विशिष्ट अतिथियों के प्रमुख विचार
✔ श्री जगनिवास (HPS), एडीसी झज्जर
इस आयोजन ने झज्जर के गौरव को पुनर्जीवित किया है।
✔ श्रीमती नमिता कुमारी, नगराधीश
इसे “झज्जर की पहचान का पुनरुत्थान” बताया।
✔ श्री राजेश कुमार, D.E.O.
विद्यार्थियों की प्रतिभा आने वाले उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।
✔ श्री नरेंद्र मलिक, DCWO
महिलाओं और बच्चों की पारंपरिक भूमिकाओं का सुंदर प्रतिनिधित्व किया गया।
✔ कर्नल योगेन्द्र सिंह
हरियाणा की वीर भूमि का वास्तविक गौरव इस मंच पर दिखाई दिया।
✔ पद्मश्री संत राम जी
लोक-संस्कृति समाज का वास्तविक धन है।
✔ लोक कलाकार योगेंद्र कुंडू
विरासत-ए-झज्जर ने लोककला को नया सम्मान दिया।
धाकड़ ताऊ–धाकड़ ताई प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र
रैंप वॉक और अन्य चरणों में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए
धाकड़ ताऊ और धाकड़ ताई का खिताब जीता।
साथ ही मिस्टर झज्जर और मिसिज झज्जर प्रतियोगिता में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन देखने को मिला।
स्कूली बच्चों की प्रतिभा ने जीता दिल
बच्चों ने
- रंगोली
- देहाती चित्रकारी
- नृत्य
- समूह गायन
- डिक्लेमेशन
में बेहतरीन प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया।
युवाओं ने मंच पर बिखेरी हरियाणवी छटा
विश्वविद्यालय के युवाओं ने
- हरियाणवी नृत्य
- गायन
- लोक प्रस्तुतियों
से देहाती सौंदर्य को जीवंत कर दिया।
शहीदों और सैनिक परिवारों का सम्मान
महोत्सव का सबसे भावुक क्षण रहा—
शहीदों और वीर सैनिक परिवारों का सम्मान।
विश्वविद्यालय ने
बदलू सिंह VC,
कैप्टन महावीर सिंह,
सूबेदार वेद प्रकाश,
सूबेदार पूरणमल
सहित कई वीरों के परिवारों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया।
दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से स्वागत किया।
नए ऑडिटोरियम का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के नव–निर्मित ऑडिटोरियम का उद्घाटन भी किया गया।
अंत में सम्मान समारोह और सांस्कृतिक उत्सव
विजेताओं को ट्रॉफी व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
विरासत गांव और झूले महोत्सव के सबसे बड़े आकर्षण बने।
दर्शक हरियाणा के जीवंत प्रदर्शन को देखकर दंग रह गए।




