
जोधपुर/जयपुर, 9 जनवरी: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने आज जोधपुर में आयोजित पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव (Handicraft Festival) का उद्घाटन करते हुए राजस्थान के हस्तशिल्प को राज्य का गौरव और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हस्तशिल्प के संरक्षण, संवर्धन और उसे वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रभावी नीतियों के साथ काम कर रही है, जिससे कारीगरों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की हस्तशिल्प कला को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां बनाई हैं, और स्टार्टअप क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित किया है। “हस्तशिल्प के संरक्षण और विकास से राजस्थान के ‘आपणो अग्रणी’ विजन को साकार रूप मिलेगा,” उन्होंने कहा।

राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्प के उत्थान के लिए कई कदम
मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्प के क्षेत्र में प्रगति के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को साझा किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ब्लू पॉटरी, मार्बल की कलाकृतियां, पीतल की मूर्तियां, काष्ठ कला, मिनिएचर पेंटिंग और कपड़ा छपाई जैसी शिल्प कलाएं दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसे में यह उत्सव कारीगरों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है, जो उनकी कला को नया दिशा और अवसर देगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति 2024 और एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) नीति जैसी पहल की हैं, जिनसे कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिल सकेगी।
पानी और ऊर्जा की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल और ऊर्जा की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि पीएम कुसुम योजना के तहत राज्य सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में 31 गुना अधिक कार्य किए हैं। इसके अलावा, 5,000 मेगावाट के अतिरिक्त आवंटन से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना से शिल्पकारों का समृद्धि की ओर मार्ग
मुख्यमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को ऋण, प्रशिक्षण और वैश्विक बाजार में पहुंच प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को सराहा। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें उनकी कला के लिए उचित सम्मान प्रदान करना है।
हस्तशिल्प और एमएसएमई के 50 नए क्लस्टर विकसित होंगे
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार प्रदेश में हस्तशिल्प, हैंडलूम और एमएसएमई के 50 नए क्लस्टर विकसित करेगी। इसके साथ ही, जयपुर में पीएम यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी, जो हस्तशिल्प उत्पादों के प्रदर्शन और प्रचार के लिए एक प्रमुख स्थल बनेगा।
नवाचार और तकनीकी समावेशन
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पारंपरिक हस्तशिल्प कला को नवाचार और आधुनिक तकनीक से जोड़कर उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी उत्कृष्ट बना रही है। “हम शिल्पकारों को स्मार्ट टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
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मुख्यमंत्री का उद्घाटन (Handicraft Festival) समारोह
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्प उत्सव (Handicraft Festival) के केंद्रीय पंडाल और बेट द्वारका का अवलोकन किया और विकास पुस्तिका, मसाला उद्योग से संबंधित फोल्डर और लघु उद्योग भारती के मुख पत्र का विमोचन किया। साथ ही, 5 पाक विस्थापितों को पट्टे भी वितरित किए गए।
समारोह में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री के.के. बिश्नोई, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, विधायक देवेन्द्र जोशी, अतुल भंसाली, बाबूसिंह राठौड़, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान का हस्तशिल्प उद्योग न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाना जाएगा और राज्य के कारीगरों को बेहतर जीवनस्तर प्राप्त होगा।