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कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान: वर्षाजल सहेजने की परम्परा को पुनर्जीवित करेगा

जयपुर, 2 जनवरी: मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) की पहल पर राज्य में भूजल स्तर को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया गया है, जिसका नाम है “कर्मभूमि से मातृभूमि“। इस अभियान का (Karmabhoomi Se Matribhoomi Abhiyan) उद्देश्य वर्षाजल सहेजने की परंपरा को पुनर्जीवित करना है और इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री शर्मा का यह प्रयास प्रदेश में बढ़ते भूजल संकट और जल संरक्षण की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित होगा। इस अभियान (Karmabhoomi Se Matribhoomi Abhiyan) के तहत, भामाशाहों और प्रवासी राजस्थानियों को साथ लाकर जल संचयन की योजनाओं को साकार किया जाएगा। इस अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) की “कैच द रेन” योजना से प्रेरणा ली गई है, जिसमें जल संचयन में जनभागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।

कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान (Karmabhoomi Se Matribhoomi Abhiyan) की शुरुआत इस वर्ष अक्टूबर में सूरत में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल द्वारा प्रस्तुत की गई रूपरेखा के आधार पर की गई थी। इस अभियान के प्रारंभिक चरण में सिरोही, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, झुंझुनू और जयपुर जिलों में कार्य शुरू किए गए हैं।

इस अभियान (Karmabhoomi Se Matribhoomi Abhiyan) में राजस्थान से बाहर जा चुके प्रवासी राजस्थानी व्यवसायियों, उद्यमियों और समाजसेवियों को जोड़कर उन्हें जल संरक्षण के काम में शामिल किया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए उन्हें भावनात्मक रूप से प्रेरित किया जाता है ताकि वे अपने गृह गांव में वर्षा जल संचयन और जल पुनर्भरण की गतिविधियों में योगदान करें। इसके अलावा, क्राउड फंडिंग और कॉरपोरेट्स सीएसआर फंडिंग के जरिए अभियान को और अधिक विस्तारित किया जाएगा।

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जल संचयन पर ध्यान केंद्रित

राज्य के 72 प्रतिशत क्षेत्रों में भूजल की अत्यधिक निर्भरता के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। 216 पंचायत समितियां अतिदोहित श्रेणी में आ चुकी हैं, जिससे न केवल जल स्तर में गिरावट आई है, बल्कि जल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। अभियान का मुख्य लक्ष्य है वर्षा जल और सतही जल की एक-एक बूंद का संचय और पुनर्भरण करना। इसके लिए पर्यावरण अनुकूल रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार हो सके और घरेलू उपयोग के साथ-साथ कृषि कार्यों के लिए जल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के अनुसार, यह अभियान (Karmabhoomi Se Matribhoomi Abhiyan) प्रदेश में जल संकट को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण और समग्र कदम होगा, जो न केवल जल की कमी को पूरा करेगा बल्कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को जल आत्मनिर्भर भी बनाएगा।

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