
Hanumangarh district of Rajasthan: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में डीएपी खाद (DAP Fertilizer) का टोकन लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
करवा चौथ के दिन महिलाएं भी लंबी लाइनों में खड़ी थीं, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से मौके पर भगदड़ मच गई। कई किसान और महिलाएं घायल हो गए।
घटना के बाद किसानों में भारी आक्रोश है और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।
क्या है पूरा मामला?
घटना हनुमानगढ़ जिले के भादरा इलाके की है। यहां डीएपी खाद के टोकन वितरण के लिए सुबह से ही सैकड़ों किसान और महिलाएं लाइन में लगे हुए थे।
किसानों का कहना है कि टोकन वितरण में अव्यवस्था थी और घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें टोकन नहीं मिल रहे थे।
इस दौरान भीड़ बढ़ने लगी तो पुलिस ने नियंत्रण के नाम पर किसानों पर लाठियां बरसा दीं, जिससे कई लोग घायल हो गए और अफरा-तफरी मच गई।
किसानों का आरोप: “हर साल यही हाल है”
किसानों ने कहा कि वे पहले से ही भारी बारिश और फसलों के नुकसान से परेशान हैं।
अब डीएपी खाद के लिए भी लाइन में धक्के खाने पड़ रहे हैं, ऊपर से पुलिस की लाठियां झेलनी पड़ रही हैं।
एक किसान ने कहा —
“हम खेतों में मेहनत करते हैं, लेकिन खाद के लिए हर बार अपमान झेलना पड़ता है। अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो आंदोलन करेंगे।”
प्रशासन ने कही जांच की बात
मामले के बढ़ने के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कार्रवाई की गई थी, लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई है।
विपक्ष का हमला: “किसानों पर लाठी, सरकार मौन!”
इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा —
“राजस्थान में खाद के लिए लाइन में खड़े किसानों को अपराधियों की तरह पीटा जा रहा है।
पीएम मोदी कुछ दिन पहले किसानों के सम्मान की बात कर रहे थे,
और यहां उन्हीं किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।”
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे सरकारी लापरवाही और अमानवीयता बता रहे हैं।
घटनास्थल से तस्वीरें
घटना के बाद कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें महिलाएं और किसान पुलिस से बचने के लिए भागते हुए नजर आ रहे हैं।
कई घायल किसानों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राजस्थान में खाद वितरण की अव्यवस्था को लेकर किसान लगातार नाराज हैं।
किसान संगठनों ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।