उत्तर प्रदेशदेश

गंगा में तैरता मिला रहस्यमयी पत्थर! दो कुंतल वजन फिर भी नहीं डूबा, रामसेतु से है क्या कनेक्शन?

📍 गाजीपुर: गंगा में बहकर आया रहस्यमयी ‘रामसेतु’ (Stone floating in Ganga) जैसा पत्थर, दो क्विंटल वजन के बावजूद नहीं डूबा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में इन दिनों गंगा नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसी दौरान एक ऐसा चमत्कारी दृश्य देखने को मिला जिसने स्थानीय लोगों की श्रद्धा और आस्था को और प्रगाढ़ कर दिया। दरअसल, गंगा नदी में एक लगभग दो क्विंटल वजनी पत्थर (Stone floating in Ganga) बहकर आया है, जो पानी में तैर रहा है और डूब नहीं रहा।

🌊 लोगों में फैली रामसेतु से जुड़ी आस्था

घटना ददरी घाट की है, जहां यह रहस्यमयी पत्थर सबसे पहले देखा गया। जब स्थानीय लोगों ने देखा कि इतना भारी पत्थर गंगा में तैर रहा है, तो उन्होंने इसे त्रेतायुग के रामसेतु से जोड़कर देखना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में घाट पर सैकड़ों लोग जमा हो गए और पूजा-पाठ, हनुमान चालीसा व पाठ शुरू हो गया।

👦 सबसे पहले किसने देखा?

इस पत्थर को सबसे पहले सोनू नामक 12 वर्षीय बालक ने देखा, जो घाट के पास की मल्लाह बस्ती में रहता है। सोनू जब गंगा में स्नान कर रहा था, तभी उसने यह पत्थर बहते हुए देखा और किनारे लाकर उसे रस्सियों से बांध दिया। सुबह जब घाट पर भीड़ बढ़ी, तो यह पत्थर सबका ध्यान खींचने लगा।

🧱 पत्थर (Stone floating in Ganga) है या कोई वैज्ञानिक रहस्य?

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पत्थर दिखने में सीमेंट जैसा लगता है, लेकिन इसका वजन लगभग 2 क्विंटल है और यह फिर भी गंगा के पानी में डूब नहीं रहा। कुछ लोगों ने इसे भगवान राम द्वारा बनाए गए रामसेतु का हिस्सा मानते हुए हनुमान जी का झंडा भी लगा दिया है।

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🙏 श्रद्धा या विज्ञान?

हालांकि अब तक कोई वैज्ञानिक परीक्षण नहीं हुआ है जिससे यह साबित हो सके कि यह पत्थर असल में रामसेतु से संबंधित है या नहीं। लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह श्रद्धा और चमत्कार का प्रतीक बन चुका है। घाट पर आने वाले लोग अगरबत्ती जलाकर, फूल चढ़ाकर और भक्ति गीत गाकर अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं।

गंगा में तैरता यह रहस्यमयी पत्थर अब गाजीपुरवासियों की आस्था का केंद्र बन चुका है। यह केवल एक पत्थर नहीं, बल्कि उन भावनाओं और विश्वासों का प्रतीक बन गया है जो लोगों को रामायण काल से जोड़ते हैं।

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