Earthquake से थाईलैंड-म्यांमार में भारी तबाही, 1000 लोगों के मरने की आशंका

थाईलैंड और म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप (Earthquake) ने भारी तबाही मचाई है। बैंकॉक के चटुचक इलाके में एक निर्माणाधीन 12 मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 43 लोग लापता हैं। इनमें अधिकांश मजदूर बताए जा रहे हैं। भूकंप के कारण म्यांमार में भी कई स्थानों पर व्यापक नुकसान हुआ है और हजारों लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है।
- बैंकॉक में मेट्रो और ऊंची इमारतें प्रभावित हुईं।
- म्यांमार में एक पुल टूट गया, जो सागाइंग टाउनशिप के पास स्थित था।
- बैंकॉक के प्रसिद्ध महानकोर्न बिल्डिंग को नाव की तरह डोलते हुए देखा गया।
- बैंकॉक के रूफटॉप से पूल का पानी गिरने से पूरी बिल्डिंग अस्त-व्यस्त हो गई।
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यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप (Earthquake) का केंद्र म्यांमार के सांगाइंग के पास था, जहां जमीन से 10 किमी नीचे दो चट्टानें आपस में टकराई। इसके कुछ घंटे पहले कम तीव्रता वाला एक और भूकंप महसूस किया गया था।
दोनों देशों में राहत और बचाव कार्य शुरू हो चुका है। प्रशासन का प्राथमिक कार्य मलबा हटाना और हताहतों की संख्या का पता लगाना है।
बैंकॉक में 1.7 करोड़ लोग रहते हैं, वहीं म्यांमार में 5 करोड़ लोग निवास करते हैं। म्यांमार के जिस इलाके में भूकंप (Earthquake) का केंद्र था, वहां लगभग 20 लाख लोग रहते हैं।
यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के सांगाइंग क्षेत्र के पास था, जो जमीन से 10 किलोमीटर नीचे स्थित था। यहां दो चट्टानें आपस में टकराईं, जिसके परिणामस्वरूप यह शक्तिशाली भूकंप आया। गौरतलब है कि भूकंप के कुछ घंटे पहले एक हल्के तीव्रता का भूकंप भी महसूस किया गया था, जो एक संभावित पूर्व सूचना का संकेत हो सकता है।

दोनों देशों में भूकंप के बाद राहत कार्यों की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन मलबे के कारण बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं। प्रशासन ने प्राथमिक रूप से मलबा हटाने का काम शुरू किया है ताकि हताहतों की संख्या का सही आंकड़ा पता चल सके। वहीं, म्यांमार में भूकंप के केंद्र के आसपास के क्षेत्रों में स्थित गांवों में भी राहत कार्यों की जरूरत है। इन इलाकों में सड़कें टूटी हुई हैं और कई जगहों पर यातायात बाधित हो गया है।
भूकंप के इस गंभीर असर ने दोनों देशों में भविष्य में भूकंप के प्रभावी प्रबंधन और बचाव योजनाओं की आवश्यकता को और भी अधिक स्पष्ट कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्षेत्रों में इमारतों के निर्माण के समय अधिक मजबूत और भूकंपीय सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी है, ताकि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव किया जा सके।