वन विभाग की लापरवाही पर सवाल! जयपुर ग्रामीण के चावंडिया गांव में लगातार तेंदुए की आमद

जयपुर। जयपुर ग्रामीण जिले के जमवारामगढ़ उपखंड के चावंडिया गांव में बीते एक माह से तेंदुए (leopard) की लगातार आवाजाही देखी जा रही है। वन्यजीव आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचकर न सिर्फ मवेशियों का शिकार कर रहा है, बल्कि ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल भी बना रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि बच्चों को घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है और ग्रामीण हर पल भय के साए में जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए (leopard) की मौजूदगी को लेकर कई बार वन विभाग को सूचित किया गया, लेकिन विभाग की ओर से सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। टीम मौके पर आती है, थोड़ी देर रुकती है और बिना कोई ठोस कदम उठाए लौट जाती है। तेंदुए की हर दिन की गतिविधि ने गांव के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
गांव के सरपंच सीपी मीणा ने बताया कि हाल ही में वह किसी कार्य से गांव के पास स्थित सन्नाटा घाटी से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने एक मकान की दीवार पर तेंदुए को बैठे हुए देखा। जब कार की लाइट उस पर पड़ी, तो तेंदुआ (leopard) वहीं बैठा रहा, जिससे साफ है कि अब वह इंसानी आबादी में खुद को सहज महसूस करने लगा है। इसके साथ ही तेंदुए के दो शावक भी देखे गए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि पूरा परिवार गांव के आसपास डेरा जमाए हुए है।
इस घटना की सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई। विभाग की टीम अगली सुबह पहुंची, लेकिन तब तक तेंदुआ (leopard) वहां से जा चुका था। टीम ने कुछ देर खोजबीन की और फिर लौट गई। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ अब गांव के मवेशियों को शिकार बना रहा है। कई लोगों के पशु गायब हो चुके हैं या मृत अवस्था में मिले हैं।
Readalso: IPL मैच पर ऑनलाइन सट्टा: शाहपुरा में गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
ग्रामीणों में भय इतना अधिक है कि लोगों ने अपने खेतों में अकेले जाना बंद कर दिया है। खासकर महिलाएं और बच्चे बेहद डरे हुए हैं। सरपंच ने इस विषय को गंभीर मानते हुए गांव के लोगों को सन्नाटा घाटी या आसपास के एकांत इलाकों में अकेले न जाने की सख्त हिदायत दी है।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग से मांग की है कि तेंदुए (leopard) को जल्द से जल्द पकड़ कर सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ा जाए। साथ ही, गांव में पिंजरा लगाने और निगरानी बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों का जनजीवन सामान्य हो सके।