वंदे मातरम् के 150 वर्ष! DU में गूंजा राष्ट्रीय गीत, दयाल सिंह महाविद्यालय में हुआ भव्य आयोजन
Vande Mataram 150 Years Celebration DU: दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष: दयाल सिंह सांध्य महाविद्यालय में राष्ट्रीय गीत गायन उत्सव
Vande Mataram 150 Years Celebration DU: नई दिल्ली- देशभर में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर वर्षभर चलने वाले स्मरणोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह सांध्य महाविद्यालय में वंदे मातरम् गायन उत्सव का भव्य आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में मौजूद रहे कई महत्वपूर्ण गणमान्य
कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय परिवार के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल रहे:
- प्रो. योगेश सिंह, कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय
- प्रो. बलराम पाणी, डीन ऑफ कॉलेजेज
- डॉ. विकास गुप्ता, रजिस्ट्रार
- प्रो. डी. एस. चौहान, चेयरमैन
- प्रो. भावना पाण्डेय, प्राचार्या, दयाल सिंह सांध्य महाविद्यालय
- प्रो. वी. के. पालीवाल, प्राचार्य, दयाल सिंह महाविद्यालय

कुलपति बोले—“वंदे मातरम् भारतीय राष्ट्रीय चेतना का अमर प्रतीक”
अपने उद्बोधन में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा—
- “वंदे मातरम् भारतीय राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक गौरव और देशभक्ति का अमर प्रतीक है।”
- “150 वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि इसके ऐतिहासिक योगदान को सम्मान देने का अवसर है।”
उन्होंने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के साहित्यिक योगदान का विशेष उल्लेख करते हुए बताया कि यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन का प्रेरक सूत्र रहा।
प्राचार्या ने रेखांकित किया राष्ट्रप्रेम का संदेश
प्राचार्या प्रो. भावना पाण्डेय ने महाविद्यालय की गौरवशाली परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि वंदे मातरम् में निहित राष्ट्रप्रेम, एकता और सांस्कृतिक गौरव आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
चेयरमैन प्रो. डी. एस. चौहान ने भी राष्ट्रीय गीत की ऐतिहासिक भूमिका और स्वतंत्रता आंदोलन में इसके प्रभाव को विस्तार से बताया।

छात्रों ने सामूहिक स्वर में किया वंदे मातरम् का गायन
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा—
✔ छात्रों द्वारा सामूहिक वंदे मातरम् गायन
✔ परिसर में गूंजा राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक एकता का संदेश
✔ पूरा माहौल देशभक्ति से ओतप्रोत
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।





One Comment