Rajasthan

राजनीति का अखाड़ा बना राजस्थान क्रिकेट: “रबड़ी कांग्रेसियों को, चाय भाजपाइयों को नहीं” – आर.एस. नांदू

🧩 विवाद की तहें (Rajasthan cricket dispute): खेल नहीं, राजनीति का रणक्षेत्र : कॉल्विन शील्ड टूर्नामेंट के समापन पर जुड़े पांच जिला क्रिकेट संघ–जैसलमेर, जालौर, भरतपुर, नागौर और डूंगरपुर–ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी। नागौर संघ के सचिव आर.एस. नांदू और RCA की एडहॉक समिति के सदस्य विमल शर्मा ने आरोप लगाए :

  • ख़ास तौर से SMS स्टेडियम से बाहर रखा जा रहा है। इसके लिए खेल परिषद रोज़ाना ₹1 लाख शुल्क वसूल रही है, जबकि निजी मैदानों की दर सिर्फ ₹8–10 हजार है।
  • “कांग्रेसियों को रबड़ी खिलाई जा रही है, भाजपाई चाय को तरस रहे हैं,” उन्‍होंने तीखा टिप्पणी की।

👥 भेदभाव और रणनीति (Rajasthan cricket dispute) के आरोप

नांदू और शर्मा ने दावा किया कि:

  • लगातार नोटिस भेजकर, निरीक्षण बढ़ाकर, और अनुमति में बाधा डालकर RCA को कमजोर करने की रणनीति अपनाई गई है।
  • RCA ने मासिक ₹5 लाख का MoU प्रस्ताव दिया, लेकिन परिषद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

🎯 अगला कदम: मुख्यमंत्री दरबार

— जिला संघ प्रतिनिधि अब मुख्यमंत्री से मिलने की मांग कर रहे हैं।
— वे बताना चाहते हैं कि कैसे क्रिकेट अब राजनीतिक रंग में रंग रहा है, और एसएमएस स्टेडियम तक से क्रिकेट को वंचित किया जा सकता है।

⚖️ संदर्भ और पृष्ठभूमि

  • RCA और खेल परिषद का पुराना विवाद (Rajasthan cricket dispute) एमओयू खत्म होने और बकाया राशि के कारण बाहर देने तक जा चुका है([rajasthan.ndtv.in][1])।
  • फरवरी 2025 में खेल परिषद ने RCA एडहॉक समिति को पिछले एक वर्ष का खर्च और गतिविधियों का विवरण देने के लिए नोटिस जारी किया था।

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✅ निष्कर्ष

राजस्थान में क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं रहा बल्कि राजनीति और हितों का जाल बन चुका है। SMS स्टेडियम और कॉल्विन शील्ड जैसी संस्थाएं, अब ध्रुवीकरण और राजनैतिक झगड़ों का शिकार बन रही हैं।
क्या CM की सुनवाई और MoU की पारदर्शिता इस जटल विवाद को सुलझाएगी? यह अब देखने की बात है।

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