उत्तर प्रदेशदेश

काशी में दिव्यता का महासमागम: 20 लाख दीयों से नहाई गंगा, योगी आदित्यनाथ ने क्रूज़ से देखा स्वर्गिक नज़ारा

Varanasi Dev Diwali : काशी में दिव्यता का महासमागम: 20 लाख दीयों से जगमगाई गंगा, सीएम योगी ने किया दिव्यता का दर्शन

वाराणसी (Varanasi Dev Diwali):
भक्ति, प्रकाश और आध्यात्मिकता से सराबोर काशी ने इस वर्ष देव दीपावली 2025 पर अद्भुत दृश्य रचा।
गंगा तट से लेकर गलियों तक लगभग 20 लाख दीयों की रौशनी ने काशी को स्वर्गिक रूप दे दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों, जिनमें पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह शामिल थे, के साथ क्रूज़ यात्रा कर घाटों की दिव्यता का अवलोकन किया।

मंत्रियों संग मुख्यमंत्री ने की देव दीपावली का अवलोकन

सीएम योगी ने नमो घाट से अस्सी घाट तक गंगा के दोनों किनारों को रौशनी से सजा देखा।
हर घाट की अपनी थीम थी — कहीं भगवान शिव की झांकी, तो कहीं “आई लव काशी” की चमक ने लोगों का मन मोह लिया।

विशेष आरती और श्रद्धा का उत्सव

देव दीपावली की शाम को गंगा के तट पर विशेष आरती आयोजित की गई।

  • नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और अस्सी घाट पर आरती का आयोजन हुआ।
  • नमो घाट पर यह पहली बार देव दीपावली के अवसर पर आयोजित की गई आरती थी।
  • शाम 6 बजे से 6:50 बजे तक चली इस आरती में 21 अर्चक और 42 देव कन्याओं ने पारंपरिक विधि से पूजा-अर्चना की।

आरती की विशेष थीम:

  • दशाश्वमेध घाट की गंगा महाआरती “ऑपरेशन सिंदूर” को समर्पित रही।
  • गंगोत्री सेवा समिति की आरती पहलगाम में शहीद जवानों को समर्पित की गई।
  • अस्सी घाट पर आरती भारतीय महिला क्रिकेट टीम को समर्पित थी।
  • पांडेय घाट पर “आई लव काशी” की थीम आकर्षण का केंद्र रही।

लेजर शो बना आकर्षण का केंद्र

चेत सिंह घाट पर हुआ लेजर शो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण बना।
तीन चरणों में हुए इस शो में भगवान शिव की पौराणिक कथाओं को आधुनिक तकनीक से प्रदर्शित किया गया।

लेजर शो के समय:

  • पहला शो: शाम 6:15 से 6:45 बजे तक
  • दूसरा शो: 7:15 से 7:45 बजे तक
  • तीसरा शो: 8:15 से 8:45 बजे तक

वहीं, ललिता घाट के सामने हुई ग्रीन आतिशबाज़ी ने प्रदूषण रहित दिव्यता का अनोखा संदेश दिया।

श्रद्धालुओं का जनसैलाब और गंगा की आरती

अनुमान के अनुसार, इस बार 20 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक देव दीपावली का साक्षी बने।
गंगा किनारे दीपमालाओं की लंबी श्रृंखला और मंत्रोच्चार की गूंज ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक और भक्तिमय बना दिया।
काशी विश्वनाथ धाम, दशाश्वमेध और अस्सी घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर भक्तों का सैलाब उमड़ा।

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