
दुबई तक पहुंचा गढ़वाल का किंग रोट सेब (Uttarakhand King Rot Apple Export to Dubai) | उत्तराखंड की नई पहचान बना ‘सेबों का राजा’
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र से निकलकर ‘किंग रोट सेब’ ने अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में (Uttarakhand King Rot Apple Export to Dubai)अपनी दस्तक दे दी है।
दुबई को भेजी गई इस पहली खेप ने न केवल सेब की दुनिया में उत्तराखंड की पहचान बनाई है, बल्कि यह राज्य की कृषि और ब्रांड वैल्यू की भी मिसाल बन गई है।

🌟 क्या है ‘किंग रोटा’ या ‘रॉयल किंग’ सेब?
किंग रोट सेब को स्थानीय तौर पर किंग रोटा या रॉयल किंग भी कहा जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएं:
- गहरा लाल रंग, मध्यम से बड़ा आकार
- पतली पर सख्त छिलके वाली बनावट
- प्राकृतिक मिठास और बैलेंस्ड शुगर
- अच्छा एरोमा, प्रीमियम रिटेल और ताजे सेवन के लिए उपयुक्त
- बेहतर शेल्फ लाइफ, ट्रांसपोर्ट के दौरान गुणवत्ता बरकरार
इसीलिए दुबई जैसे गर्म और हाई-वैल्यू बाजार में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
📅 किंग रोटा की पैदावार कब होती है?
- फूल: मार्च-अप्रैल
- तुड़ाई: अगस्त से अक्टूबर तक
- ऊंचाई: 1,500–2,500 मीटर
- माइक्रो-क्लाइमेट: दिन-रात के तापमान में अंतर स्वाद और रंग को बेहतर बनाता है
उत्तरकाशी के किसान जगमोहन राणा के अनुसार, अभी भी किसानों को सही कीमत मिलना चुनौती बना हुआ है। उत्तरकाशी में सेब की कीमत 50-100 रुपये प्रति किलो है, जबकि दिल्ली-NCR में यही सेब 200-250 रुपये/किलो तक बिकता है।
🏔️ क्या सिर्फ उत्तराखंड में होता है किंग रोट सेब?
- सुर्ख लाल सेब की किस्में हिमाचल, कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल में भी मिलती हैं
- लेकिन किंग रोट विशेष रूप से उत्तराखंड की ब्रांड बन चुका है
- इसकी खेती के लिए जरूरी है:
- 600–1,000 घंटे की चिलिंग
- अच्छी ड्रेनेज वाली दोमट मिट्टी
- मधुमक्खियों द्वारा क्रॉस-पॉलिनेशन
- संतुलित पोषक तत्व व माइक्रो न्यूट्रिएंट्स
🌍 भारत सेब का निर्यात किन देशों में करता है?
हालाँकि भारत सेब का शुद्ध उपभोक्ता रहा है, लेकिन अब निर्यात भी बढ़ रहा है।
प्रमुख निर्यात देश:
- यूएई, कुवैत, ओमान, बहरीन, सऊदी अरब, कतर
- नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका
- मलेशिया, सिंगापुर और कुछ अफ्रीकी देश
उत्तराखंड, कश्मीर और किन्नौर अब हाई-मार्जिन निर्यात बाजारों में कदम बढ़ा रहे हैं।
📈 देश में कितनी होती है सेब की खेती?
- 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर सेब की खेती
- सालाना उत्पादन: 22.5 लाख टन
- उत्तराखंड में लगभग 11,300 हेक्टेयर में खेती
- 2022-23 में उत्पादन: 65 हजार टन
डॉ. पंकज नौटियाल के अनुसार, भारत में लगभग 100 प्रजातियों के सेब उगाए जाते हैं, लेकिन Red Delicious, Royal Delicious, Golden Delicious, Fuji, Gala, Granny Smith जैसी 7-8 ही प्रमुख हैं।
🚜 उत्तराखंड में तकनीक से बदल रही है खेती
प्रगतिशील किसान जगमोहन राणा बताते हैं कि अब बीज की जगह रूट स्टॉक तकनीक से काम हो रहा है, जिससे:
- पौधे जल्दी फल देते हैं
- उत्पादन का समय हिमाचल से 20 दिन पहले
- अर्ली क्रॉप से बाज़ार में प्रीमियम मिलता है
⚠️ क्या हैं सेब की खेती की चुनौतियाँ?
- जलवायु परिवर्तन से चिलिंग आवर्स में बदलाव
- लो-चिल वैरायटी और क्लोन की जरूरत
- माइक्रो क्लाइमेट मैनेजमेंट और
- GI टैग, ट्रेसबिलिटी, प्री-कूलिंग, एअर-फ्रेट जैसे क्षेत्रों में सुधार की दरकार
स्थानीय से ग्लोबल बना ‘किंग रोट’
किंग रोट सिर्फ एक सेब नहीं, बल्कि उत्तराखंड के मेहनतकश किसानों की संघर्ष गाथा है। अगर सरकार तकनीकी सहायता, मूल्य समर्थन और ब्रांडिंग को और मजबूत करे तो उत्तराखंड का सेब भी विश्व मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना सकता है।