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भारत का दोहरा शक्ति प्रदर्शन: पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलों का सफल परीक्षण (Prithvi-2 and Agni-1 missile test)
नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को एक बड़ा सामरिक कदम उठाते हुए दो स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइलों – अग्नि-1 और पृथ्वी-2 – का सफल परीक्षण (Prithvi-2 and Agni-1 missile test) किया। ये परीक्षण ओडिशा तट के पास स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किए गए। रक्षा मंत्रालय और सूत्रों के अनुसार, दोनों परीक्षण सामरिक बल कमान (SFC) की निगरानी में किए गए और पूरी तरह सफल रहे।
🔥 अग्नि-1 मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं:
- मारक क्षमता: 700 किलोमीटर
- भार: 12 टन
- वॉरहेड क्षमता: 1,000 किलोग्राम (परमाणु क्षमता सहित)
- प्रणोदन प्रणाली: सॉलिड प्रोपल्शन
- विकासकर्ता: एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (ASL), DRDL और RCI
- निर्माण: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (हैदराबाद)
- सेवा में शामिल: वर्ष 2004 से
- प्रकार: जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल
🚀 पृथ्वी-2 मिसाइल की खासियतें:
- मारक क्षमता: 350 किलोमीटर
- वॉरहेड क्षमता: 500–1,000 किलोग्राम
- प्रणोदन प्रणाली: लिक्विड प्रोपल्शन
- लंबाई: 9 मीटर
- गाइडेंस सिस्टम: एडवांस नेविगेशन और टारगेटिंग
- सेना में शामिल: 2003 से
- विकासकर्ता: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
🛡️ 24 घंटे में दूसरी बड़ी कामयाबी: ‘आकाश प्राइम’ का सफल परीक्षण
इसके अलावा बुधवार को भारतीय सेना ने 15,000 फीट की ऊंचाई पर ‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का भी सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली तेज़ गति से उड़ रहे लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। यह परीक्षण लद्दाख सेक्टर में बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया गया।
DRDO द्वारा विकसित यह एयर डिफेंस सिस्टम जल्द ही सेना की तीसरी और चौथी ‘आकाश रेजिमेंट’ में शामिल किया जाएगा।
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पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलों का यह दोहरा परीक्षण न सिर्फ भारत की रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि देश के आत्मनिर्भर रक्षा मिशन की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। इसके साथ ही ‘आकाश प्राइम’ की सफलता ने भारत की एयर डिफेंस प्रणाली को और भी अधिक अभेद्य बना दिया है।