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अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, दिल्ली सरकार ने पास किया ‘स्कूल फीस रेगुलेशन एक्ट’

(School Fee Regulation Act) : दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोत्तरी पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दिल्ली कैबिनेट ने “दिल्ली स्कूल फीस एक्ट 2025” (School Fee Regulation Act) को मंजूरी दे दी है। इस कानून के तहत अब कोई भी निजी स्कूल मनचाही तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेगा।

क्या है ‘दिल्ली स्कूल फीस एक्ट 2025’?

इस नए कानून के तहत स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले एक तीन-स्तरीय समिति बनानी होगी। इस समिति में स्कूल मैनेजमेंट के साथ-साथ अभिभावकों को भी शामिल किया जाएगा। अगर समिति सहमति से फैसला नहीं ले पाती है, तो मामला जिला और फिर राज्य स्तर की कमेटी तक जाएगा।

दिल्ली स्कूल फीस एक्ट 2025: कमेटी का गठन कैसे होगा ?

  • स्कूल स्तर पर कमेटी: स्कूल मैनेजमेंट, विभागीय अधिकारी और 5 अभिभावक, जिनमें से एक एससी/एसटी परिवार से होगा। अभिभावकों का चयन ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा।
  • फीस बढ़ोत्तरी का फैसला: 3 साल की फीस के लिए ही निर्णय लिया जाएगा।
  • यदि सहमति नहीं बनी: 15% से अधिक अभिभावकों ने आपत्ति की तो मामला डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी में जाएगा। वहां भी सहमति नहीं बनने पर स्टेट लेवल कमेटी फैसला लेगी।

भारी जुर्माना और टेकओवर का प्रावधान

अगर कोई स्कूल बिना कमेटी की मंजूरी के फीस बढ़ाता है, तो उस पर ₹1 लाख से ₹10 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, स्कूल को टेकओवर करने का भी अधिकार सरकार के पास होगा।

सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?

बीते कुछ महीनों से दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही, मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों में भारी आक्रोश था। सीएम रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने खुद अभिभावकों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और संबंधित स्कूलों को नोटिस भी जारी किए।

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शिक्षा मंत्री का बयान

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा:

“यह कानून सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि एक व्यवस्था परिवर्तन है। इससे फीस में पारदर्शिता आएगी और अभिभावकों को राहत मिलेगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि 1973 से अब तक स्कूल फीस पर कोई स्पष्ट नियंत्रण नहीं था, लेकिन मौजूदा बीजेपी सरकार ने सिर्फ 65 दिनों में यह कानून पास कर दिखाया।

‘दिल्ली स्कूल फीस एक्ट 2025’ न केवल अभिभावकों को मनमानी फीस से राहत देगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा। इस कानून से दिल्ली के 1677 प्राइवेट स्कूलों को सीधे तौर पर नियंत्रित किया जा सकेगा।

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