राजस्थान

राजस्थान बोर्ड की बड़ी घोषणा: अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा, छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका

Rajasthan Board Exams Twice a Year: अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा, छात्रों के लिए बड़ा बदलाव

Rajasthan Board Exams Twice a Year Jaipur: राजस्थान के लाखों विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अगले शैक्षणिक सत्र से RBSE (माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान) साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। यह व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य परीक्षा का दबाव कम करना और विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन का अतिरिक्त अवसर देना है।

पहली बार—राजस्थान में साल में दो बार बोर्ड परीक्षा

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि नई व्यवस्था के तहत:

  • पहली परीक्षा अनिवार्य होगी।
  • दूसरी परीक्षा सेकंड चांस एग्जाम कहलाएगी।
  • दूसरी परीक्षा में विद्यार्थी तीन विषयों तक अंक सुधार के लिए दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।

यह बदलाव विद्यार्थियों के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है, क्योंकि इससे बोर्ड परीक्षा का तनाव कम होगा और रिजल्ट बेहतर बनाने के अवसर बढ़ेंगे।


फेल और सप्लीमेंट्री छात्रों को भी मिलेगा फायदा

नई योजना के अनुसार:

  • पूरक (सप्लीमेंट्री) योग्य या फेल होने पर भी छात्र तीन विषयों तक दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।
  • यदि दूसरी परीक्षा में भी छात्र पास नहीं हो पाता, तो उसे रिपीटीशन रेंज में रखा जाएगा और अगले वर्ष की मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।

यह व्यवस्था छात्रों को फेल होने के डर से मुक्त करके बेहतर तैयारी के लिए समय और अवसर देती है।

दोनों परीक्षाओं का शेड्यूल जारी

  • मुख्य बोर्ड परीक्षा: फरवरी–मार्च
  • सेकंड चांस परीक्षा: मई–जून
  • दोनों परीक्षाएं पूरे पाठ्यक्रम (फुल सिलेबस) पर आधारित होंगी।
  • दोनों की एग्ज़ाम फीस समान रहेगी।
  • बेस्ट ऑफ टू के आधार पर सर्वश्रेष्ठ अंक रिजल्ट में शामिल किए जाएंगे।

यदि कोई छात्र मुख्य परीक्षा में किसी कारणवश शामिल नहीं हो पाता है, तो मेडिकल प्रमाणपत्र या जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति के आधार पर सेकंड चांस परीक्षा में बैठ सकता है।


क्या बदल जाएगा इससे?

  • छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा
  • फेल होने की आशंका घटेगी
  • विद्यार्थियों को अंक सुधारने का बड़ा मौका
  • रिजल्ट और शिक्षा गुणवत्ता में सुधार
  • प्रतिस्पर्धा और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेंगे

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