
जयपुर। अब हृदय की अनियमित धड़कनों (Arrhythmia) के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। राजस्थान में पहली बार अत्याधुनिक इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजी लैब की शुरुआत इटर्नल हॉस्पिटल, जयपुर में की गई है, जहां इनसाइट एक्स तकनीक के माध्यम से हृदय की 3डी मैपिंग बिना किसी रेडिएशन के की जा सकेगी। इस तकनीक से अरिद्मिया (Arrhythmia) जैसे जटिल हृदय रोगों की पहचान और उपचार अब और अधिक सुरक्षित, तेज़ और प्रभावी बन सकेगा।
हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में बड़ी संख्या में लोग इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। अनियंत्रित धड़कन की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए यह तकनीक राहत लेकर आई है। मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस तकनीक के महत्व और इसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
इनसाइट एक्स तकनीक से अरिद्मिया (Arrhythmia) का सटीक इलाज : ईटरनल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ ने बताया, “इनसाइट एक्स तकनीक से हमें दिल के उस सटीक स्थान का पता चलता है, जहां से अनियमित धड़कन की शुरुआत होती है। इससे हम एट्रियल फिब्रिलेशन, वेंट्रिकुलर टैकिकार्डिया, एट्रियल फ्लोटर जैसे रोगों का सटीक इलाज कर सकते हैं।”
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बिना रेडिएशन, अधिक सुरक्षा : डॉ. कुश कुमार भगत, डायरेक्टर – इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी एंड हार्ट फेलियर, ने कहा कि यह तकनीक गर्भवती महिलाओं और युवा मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि इसमें रेडिएशन का बिल्कुल भी उपयोग नहीं होता। उन्होंने बताया कि इससे इलाज का समय भी कम हो गया है, और मरीजों की रिकवरी तेजी से होती है।
राजस्थान को मिल रही है विश्वस्तरीय सुविधा: हॉस्पिटल की को-चेयरपर्सन मंजू शर्मा ने कहा कि हमारा उद्देश्य राजस्थान के लोगों को वैश्विक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं देना है। वहीं, सीईओ डॉ. प्राचीश प्रकाश ने जयपुर को मेडिकल क्षेत्र में अग्रणी बनाने की प्रतिबद्धता जताई। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मनमीत मक्कड़ ने कहा कि यह तकनीक केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि एक विजन है – जिससे हर मरीज को सुरक्षित, सटीक और कम समय में इलाज मिल सके।