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बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन? बढ़ी हलचल, इन दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में!

🏛️ भाजपा में संगठनात्मक बदलाव तेज, नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द, इन नामों पर मंथन (BJP National President 2025)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। पार्टी ने अब तक 22 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों (BJP National President 2025) की नियुक्ति कर दी है, जिससे नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

🧾 क्या कहता है भाजपा का संविधान?

BJP के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब ही संभव है जब पार्टी देश के कम से कम 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर चुकी हो। यानी कुल 25 राज्यों में से कम से कम 13 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव जरूरी होते हैं। अब जब 22 राज्यों में नियुक्तियां हो चुकी हैं, तो अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया किसी भी समय शुरू हो सकती है।

🧑‍💼 कौन बन सकता है भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष?

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में कई दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं:

  1. मनोहर लाल खट्टर – पूर्व हरियाणा मुख्यमंत्री, संगठन पर मजबूत पकड़
  2. भूपेंद्र यादव – केंद्रीय मंत्री, आरएसएस से जुड़ाव
  3. राजनाथ सिंह – पूर्व अध्यक्ष, वर्तमान रक्षा मंत्री
  4. धर्मेंद्र प्रधान – केंद्रीय शिक्षा मंत्री, जमीनी पकड़
  5. वी.डी. शर्मा – मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी नए अध्यक्ष के जरिए 2029 लोकसभा चुनाव की नींव मजबूत करना चाहती है।

🏙️ प्रदेश अध्यक्षों की ताजा नियुक्तियां और जातीय संतुलन

बीजेपी इस बार प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति में सामाजिक और जातीय संतुलन का खास ध्यान रख रही है। हाल ही में जिन नेताओं की नियुक्ति हुई है:

  • पुदुचेरी – वीपी रामलिंगम
  • तेलंगाना – के. रामचंद्र राव (ब्राह्मण समुदाय)
  • आंध्र प्रदेश – पीवीएन माधव
  • उत्तराखंड – महेश भट्ट (ब्राह्मण समुदाय)
  • महाराष्ट्र – रविंद्र चौहान
  • हिमाचल प्रदेश – राजीव बिंदल (दूसरी बार अध्यक्ष बने)

उत्तराखंड जैसे राज्य में जहां मुख्यमंत्री राजपूत हैं, वहां प्रदेश अध्यक्ष को ब्राह्मण समुदाय से चुना गया, ताकि संतुलन बना रहे।

📌 उत्तर प्रदेश पर सबकी निगाहें

अब तक उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई है। माना जा रहा है कि यह पद किसी ब्राह्मण या ओबीसी नेता को सौंपा जा सकता है, ताकि योगी सरकार पर लगे ब्राह्मण विरोधी छवि को संतुलित किया जा सके। यह रणनीति खासकर 2027 विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है।

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🔎 राजनीतिक संकेत क्या कहते हैं?

राजनीतिक विश्लेषक रामनारायण श्रीवास्तव के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व अब बदलाव की ओर है।

“पार्टी ऐसा चेहरा चाहती है जो राष्ट्रीय स्तर पर संगठन को गति दे सके और 2029 तक चुनावी नैया पार लगा सके।”

संगठनात्मक दृष्टिकोण से बीजेपी अब पूरी तरह से तैयार दिख रही है। संकेत साफ हैं – नई टीम, नया नेतृत्व और नई रणनीति के साथ पार्टी 2029 की ओर कदम बढ़ा रही है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा?

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