
GST Relief: शमशेर खरक, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, भाजपा हरियाणा
GST Relief: साकार हो रहा है मोदी जी का स्वदेशी सपना – भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाया गया हर कदम एक ठोस आधार रखता है। हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती इसी दिशा में एक मजबूत निर्णय है, जो न सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन का हिस्सा है।
स्वदेशी को बढ़ावा देने की जरूरत क्यों है?
कोई भी देश तभी आत्मनिर्भर बन सकता है जब वह अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति स्थानीय उत्पादों से करे। यही कारण है कि मोदी सरकार लगातार मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के जरिए स्वदेशी को प्राथमिकता दे रही है।
GST में राहत: सिर्फ टैक्स नहीं, एक क्रांति
जीएसटी की दरों में कटौती का लक्ष्य सिर्फ टैक्स कम करना नहीं है, बल्कि इससे:
- छोटे उद्योगों को सस्ता कच्चा माल मिलेगा
- उत्पादन लागत घटेगी
- घरेलू उत्पाद वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेंगे
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
घरेलू उद्योगों को मिली नई पहचान
जीएसटी कटौती के चलते हैंडलूम वस्त्र, बांस उत्पाद, घरेलू खिलौने और आयुर्वेदिक दवाओं पर टैक्स दरों में राहत दी गई है। इससे ग्रामीण भारत के कारीगरों और पारंपरिक उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा।
छोटे कारोबारियों को सबसे बड़ा फायदा
2025 में जीएसटी स्लैब में बदलाव से:
- 28% से घटाकर 18%
- 12% से घटाकर 5%
जैसे कई कटौती की गई हैं। इससे हैंडीक्राफ्ट्स, फुटवेयर, लेदर और अन्य कुटीर उद्योगों की लागत 7-8% तक कम होगी, जिससे उनकी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
निर्यात में बढ़ेगा भारत का दबदबा
कम जीएसटी दरों से भारतीय उत्पादों की वैश्विक कीमतों में कमी आएगी। इससे निर्यात आधारित उद्योग जैसे लेदर, फुटवेयर और हैंडीक्राफ्ट्स को बढ़ावा मिलेगा, जो लाखों लोगों को रोजगार देते हैं।
वोकल फॉर लोकल: सिर्फ नारा नहीं, एक आंदोलन
मोदी सरकार का ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान, भारत की स्थानीय कारीगरी और संस्कृति को पहचान दिलाने का प्रयास है। जब हम खादी, हस्तशिल्प, आयुर्वेदिक उत्पाद जैसे पतंजलि, उत्तर प्रदेश की चिकनकारी, या कश्मीर के कढ़ाईदार वस्त्र को अपनाते हैं, तो हम देश की जड़ों को मजबूत करते हैं।
जनता की भागीदारी जरूरी
- विदेशी ब्रांड्स की जगह भारतीय उत्पादों को चुनें
- सोशल मीडिया पर लोकल ब्रांड्स का प्रचार करें
- त्योहारों में स्थानीय सामानों का उपयोग करें
हर भारतीय की एक स्वदेशी खरीदारी, एक रोजगार का सृजन कर सकती है।
GST सुधार: गेम-चेंजर साबित होगा
जीएसटी में राहत:
- छोटे उद्योगों के लिए नया अवसर
- उपभोक्ताओं को सस्ते उत्पाद
- सरल टैक्स ढांचा
- लंबे समय में आर्थिक मजबूती
हालांकि इससे राजस्व में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन यह देश की अर्थव्यवस्था को लंबी अवधि में स्थिरता देगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता भारत**
मोदी सरकार का जीएसटी राहत वाला यह निर्णय सिर्फ टैक्स सुधार नहीं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक आंदोलन है। यह छोटे उद्योगों को नई उड़ान देगा और भारत को आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से ले जाएगा। यह कदम बताता है कि अगर नीति और नीयत दोनों सही हों, तो देश का हर नागरिक उस सपने को साकार कर सकता है — “आत्मनिर्भर भारत”।