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सिर्फ 50 पैसे की ये ‘स्मार्ट चिप’ बचाएगी मरीजों की जान! जानें कैसे करती है कमाल

50 Paise Smart Chip: IIT Kanpur की नई खोज से अस्पतालों में आएगा बड़ा बदलाव

50 Paise Smart Chip: अब मरीजों की जान बचाने के लिए टेक्नोलॉजी ने एक और बड़ा कदम उठाया है। IIT कानपुर के नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स ने एक ऐसी स्मार्ट चिप विकसित की है जिसकी कीमत मात्र 50 पैसे है। यह चिप अस्पतालों में ग्लूकोज़ की बोतल से जुड़ी एक बड़ी परेशानी को खत्म करने जा रही है।

कैसे काम करती है यह 50 पैसे की स्मार्ट चिप?

  • यह चिप सीधे ग्लूकोज़ की बोतल पर लगाई जाती है
  • जैसे ही बोतल खाली होने लगती है और उसमें एयर बबल बनने की स्थिति आती है, चिप तुरंत अलर्ट मैसेज भेज देती है।
  • इसे एक विशेष ब्लूटूथ डिवाइस से जोड़ा गया है।
  • एक डिवाइस से एक साथ 12 मरीजों की स्थिति को मॉनिटर किया जा सकता है।

मरीजों के लिए कितना फायदेमंद है ये इनोवेशन?

  • जब ग्लूकोज़ खत्म हो जाती है और समय पर पता नहीं चलता, तो मरीज की हालत बिगड़ सकती है।
  • यह चिप इस खतरनाक स्थिति को पहले ही भांपकर स्टाफ को अलर्ट कर देती है
  • इससे न केवल मरीजों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि मेडिकल स्टाफ को भी बार-बार चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सिर्फ 50 पैसे में जान बचाने वाली तकनीक

  • इस चिप को बनाने वाली रिसर्च फेलो वंदना सिंह ने बताया कि बड़े स्तर पर उत्पादन करने पर इसकी कीमत सिर्फ 50 पैसे होगी।
  • इतनी कम लागत में यह तकनीक हर छोटे-बड़े अस्पताल में अपनाई जा सकती है
  • यह इनोवेशन विशेष रूप से सरकारी और ग्रामीण अस्पतालों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

कहां हुआ सफल ट्रायल?

  • रीजेंसी हॉस्पिटल में इस चिप का सफल ट्रायल हो चुका है।
  • अब यह अस्पताल इस स्मार्ट चिप का सक्रिय उपयोग कर रहा है।
  • डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को इससे बड़ी राहत मिली है।

IIT Kanpur की इस 50 पैसे की स्मार्ट चिप ने यह साबित कर दिया है कि बड़ी समस्याओं का हल छोटी तकनीकों से भी संभव है। आने वाले समय में यह इनोवेशन हजारों मरीजों की जान बचा सकता है और अस्पतालों की कार्यप्रणाली को और अधिक स्मार्ट बना सकता है।

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