खेलदेश

India-Pakistan Match: क्या भारत ने झुका दिया सिर? भारत-पाक क्रिकेट मैच पर गहराया विवाद

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर विपक्ष और जनता में उबाल, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ खेलना कितना उचित? जानिए देशभर में उठ रहे विरोध के सुर।

India-Pakistan Match: आज भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच ने खेल से ज्यादा सियासत और संवेदनाओं को झकझोर दिया है। देश इस समय एक अजीब विरोधाभास से गुजर रहा है—एक तरफ पहलगाम हमले की पीड़ा, दूसरी ओर उसी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट (Asia Cup 2025) का मैदान साझा करने का निर्णय। विपक्षी दलों और आम जनता के एक बड़े वर्ग ने इस मैच को लेकर नाराजगी जताई है और इसे “आतंकवाद के आगे घुटने टेकना” करार दिया है।

Read More: PM मोदी की बड़ी कार्रवाई! जुए पर लगाम, ई-स्पोर्ट्स को मिला कानूनी दर्जा – जानिए क्या बदला

विपक्ष ने सरकार से पूछा – क्या ऑपरेशन सिंदूर खत्म हो गया?

कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप शाही ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब तक पहलगाम के शहीदों को इंसाफ नहीं मिलता, तब तक पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना शहीदों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) की घोषणा की थी और कहा था कि यह खत्म नहीं हुआ है। फिर अब पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच किस नीति के तहत खेला जा रहा है?

AAP का भी विरोध: शहीदों का अपमान है यह मैच

आम आदमी पार्टी ने भी इस मैच का खुला विरोध किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal on India Pakistan Match) ने कहा कि पाकिस्तान जो हमारे निर्दोष नागरिकों की जान ले रहा है, उसके साथ क्रिकेट खेलना शहीदों का अपमान है। पार्टी नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने सवाल उठाया कि सरकार ने पहले पाकिस्तान से सभी रिश्ते तोड़ने की बात कही थी, फिर अचानक खेल शुरू कैसे हो गया? क्या आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अब कमजोर पड़ गया है?

Read More: CM रेखा गुप्ता का ऐलान: गोल्ड मेडल पर 7 करोड़ और नौकरी भी! जानिए पूरी स्कीम

सोशल मीडिया पर विरोध की लहर: ‘यह पैसा आतंक को जाएगा’

सोशल मीडिया पर भी इस मैच को लेकर गुस्सा साफ देखा जा सकता है। यूजर मंजरी त्रिपाठी ने लिखा, “भारत-पाकिस्तान मैच (India Pakistan Cricket Match) का सीधा अर्थ है पाकिस्तान को आर्थिक लाभ देना। यह पैसा आतंकियों को पालने में लगेगा और निर्दोष भारतीयों का खून बहाया जाएगा।” उन्होंने पूछा—क्या सरकार को व्यापारिक लाभ की चिंता है या नागरिकों की सुरक्षा की?

जनता के सवाल, सरकार की चुप्पी

लोग यह जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान ने ऐसा कौन-सा ठोस कदम उठाया है जिससे उसके साथ फिर से क्रिकेट खेलने को जायज़ ठहराया जा सके? अब तक इस पर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।

खेल या कूटनीति—कहीं भारी न पड़ जाए यह निर्णय

भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा से भावनाओं और राजनीति का विषय रहा है। लेकिन ऐसे समय में जब देश शोक में डूबा हो और दुश्मन देश पर आक्रोश हो, तब क्रिकेट एक खेल न रहकर एक संवेदनशील निर्णय बन जाता है। क्या सरकार इस जनभावना को सुनेगी या इसे सिर्फ एक मैच मानकर आगे बढ़ जाएगी?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button