गणेशोत्सव 2025: सिर्फ भक्ति नहीं, ₹28,000 करोड़ की अर्थव्यवस्था का महा आयोजन!

Ganeshotsav 2025 Business: आस्था के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था का शक्तिशाली इंजन
Ganeshotsav 2025 Business: गणपति महोत्सव केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने वाला एक बड़ा मंच बनकर उभरा है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, इस बार देशभर में गणपति महोत्सव के दौरान ₹28,000 करोड़ से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है।
स्वदेशी पर विशेष ज़ोर: ‘मेक इन इंडिया’ का उत्सव
CAIT के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया कि इस बार व्यापारियों ने विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दी है।
- गणेश प्रतिमाएं
- पूजा सामग्री
- सजावट
- मिठाइयां
हर चीज़ में ‘मेक इन इंडिया’ की भावना दिखाई दे रही है, जिससे स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को भी बड़ा आर्थिक लाभ मिल रहा है।
🗺️ राज्यवार असर और सांस्कृतिक उछाल
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, ये त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गोवा में बड़े स्तर पर आर्थिक गतिविधियाँ उत्पन्न करता है।
सेक्टर-वाइज कारोबार का ब्रेकडाउन
🏕️ पंडाल निर्माण
- अनुमानित संख्या: 2 लाख+
- प्रति पंडाल खर्च: ₹50,000
- कुल कारोबार: ₹10,500 करोड़+
🛕 गणेश प्रतिमा उद्योग
- पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियाँ
- कुल व्यापार: ₹600 करोड़+
🪔 पूजा सामग्री
- फूल, धूप, माला, फल आदि
- कुल व्यापार: ₹500 करोड़+
🍬 मिठाई उद्योग (मोदक, लड्डू)
- विशेष मांग: मोदक
- कुल बिक्री: ₹2,000 करोड़+
🍲 कैटरिंग और स्नैक्स
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु भोजन
- कुल कारोबार: ₹3,000 करोड़+
🚗 पर्यटन और परिवहन
- गणपति दर्शन के लिए यात्राएं
- कुल कारोबार: ₹2,000 करोड़+
🛍️ रिटेल और गिफ्टिंग सेक्टर
- कपड़े, सजावट, गिफ्ट आइटम
- कुल व्यापार: ₹3,000 करोड़+
🎉 इवेंट मैनेजमेंट इंडस्ट्री
- विशेष थीम, सुरक्षा, लाइटिंग
- कुल कारोबार: ₹5,000 करोड़+
🌱 पर्यावरण-जागरूकता सेवाएँ
- कृत्रिम विसर्जन टैंक
- सजावट की रिसायक्लिंग
- निगम और प्राइवेट कंपनियों की साझेदारी
सोना-चांदी और आभूषण उद्योग
- सार्वजनिक पंडालों में दान
- कुल व्यापार: ₹1,000 करोड़+
बीमा सेक्टर में वृद्धि
- मूर्तियों, आभूषणों, साउंड सिस्टम का बीमा
- कुल कारोबार: ₹1,000 करोड़+
🧩 गणेशोत्सव से शुरू होता है त्योहारों का आर्थिक सिलसिला
शंकर ठक्कर के अनुसार, गणेश चतुर्थी से शुरू होकर दीपावली और शादी के सीजन तक चलने वाला त्योहारों का यह सिलसिला भारतीय खुदरा, सेवा, निर्माण और खाद्य उद्योग को लगातार गति देता है।
आस्था और अर्थव्यवस्था का अनूठा संगम
गणेशोत्सव अब सिर्फ भक्ति और परंपरा का त्योहार नहीं, बल्कि व्यापार, रोजगार और स्वदेशी उत्पादों के उत्थान का एक सशक्त मंच बन चुका है।