ओडिशाराज्य

“‘बचाओ-बचाओ की चीख, जलती हुई लड़की…’ ओडिशा केस की खौफनाक आंखों-देखी”

🔥 ओडिशा: ‘बचाओ-बचाओ की चीख, जलती हुई लड़की (Odisha burning girl case)…’ चश्मदीद की आंखों-देखी सुन कांप उठे लोग

ओडिशा के पुरी जिले के बालंगा गांव में 15 साल की नाबालिग लड़की को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। इस हृदयविदारक घटना (Odisha burning girl case)का चश्मदीद बयान अब सामने आया है, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया है।

🧍‍♂️ चश्मदीद ने बताया — कैसे लड़की जलती हुई दरवाजे तक आई

गांव के ही रहने वाले दुक्षिश्याम सेनापति ने रविवार को घटना की 90 मिनट की आंखों-देखी मीडिया को बताई। उन्होंने कहा:

“सुबह करीब 8:30 बजे जोर-जोर से दरवाजा खटखटाया गया। जैसे ही दरवाजा खोला, एक लड़की आग की लपटों में लिपटी हुई खड़ी थी और ‘बचाओ-बचाओ’ चिल्ला रही थी। उसका शरीर जल रहा था और दर्द असहनीय था।”

💧 पत्नी की मदद से आग बुझाई, पानी पिलाया

सेनापति ने बताया कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने मिलकर तुरंत कंबल और पानी से आग बुझाई। लड़की की हालत इतनी खराब थी कि वह तेज़ प्यास से भी तड़प रही थी। उन्होंने उसे पानी पिलाया और कपड़े बदलने में मदद की।

😱 तीन बाइक सवारों ने किया था अगवा

जब लड़की की हालत थोड़ी सुधरी, तब उसने बताया कि तीन अजनबी बाइक सवारों ने उसे अगवा किया। भगवती नदी के किनारे ले जाकर पहले उसके चेहरे पर रुमाल रखा और फिर किसी तरल पदार्थ से आग लगा दी। लड़की के हाथ बंधे हुए थे, लेकिन किसी तरह वह खुद को छुड़ाकर गांव की ओर दौड़ी।

“शायद आरोपियों को लगा कि वह मर जाएगी, लेकिन वो बहादुर निकली और हमारे घर तक पहुँच गई,” सेनापति ने कहा।

🚨 पुलिस पर सवाल, एंबुलेंस देरी से पहुंची

सेनापति ने यह भी बताया कि उन्होंने 108 एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन एम्बुलेंस समय पर नहीं आई। मजबूरी में उन्होंने लड़की को ऑटो रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया। रास्ते में एम्बुलेंस मिली, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

🏥 पीड़िता की हालत गंभीर, दिल्ली एम्स में भर्ती

लड़की को 70% जलने की चोटें आई हैं। उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर किया गया है। गांव में घटना के बाद डर और तनाव का माहौल है। गांव के लोग बच्चों को अकेले बाहर भेजने से डरने लगे हैं

👮‍♀️ आरोपी फरार, गिरफ्तारी की मांग तेज

स्थानीय लोगों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस महानिदेशक (DGP) वाई बी खुरानिया ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों को बख्शा न जाने की बात कही है।

ओडिशा जलती लड़की मामला न सिर्फ मानवता को शर्मसार करने वाला है, बल्कि यह कानून व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं पर भी सवाल खड़े करता है। चश्मदीद की गवाही से साफ है कि समय पर मदद मिलती तो स्थिति कुछ बेहतर हो सकती थी।

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