हरियाणा में बीपीएल कार्ड घोटाला! चुनावी फायदे के लिए हुआ बड़ा खेल? दीपेन्द्र हुड्डा ने उठाए सवाल

Haryana BPL card scam पर बड़ा खुलासा, दीपेन्द्र हुड्डा बोले- चुनाव से पहले जनता को प्रलोभन, अब छीना जा रहा हक
चंडीगढ़: हरियाणा में कथित बीपीएल कार्ड घोटाले (Haryana BPL card scam) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा (MP Deepender Hooda) ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव के समय जनता को प्रलोभन देने के लिए गलत तरीके से BPL कार्ड जारी किए गए, और अब वही कार्ड असली लाभार्थियों से छीन लिए जा रहे हैं।

❓ क्या है बीपीएल कार्ड घोटाले (Haryana BPL card scam) का आरोप?
- चुनाव पूर्व, हरियाणा में बीपीएल कार्डों की संख्या 27 लाख थी।
- इसे लोकसभा चुनाव तक 45 लाख और विधानसभा चुनाव तक 51.09 लाख कर दिया गया।
- केवल जुलाई से अक्टूबर 2024 के बीच ही 4.84 लाख नए BPL कार्ड बनाए गए।
- अब चुनाव के बाद, तीन महीनों में ही 6,36,136 बीपीएल कार्ड रद्द कर दिए गए हैं।
👉 प्रति कार्ड औसतन चार सदस्य मानें तो 25.44 लाख लोग गरीबों की सूची से बाहर कर दिए गए।
⚠️ फर्जीवाड़े के आरोप और जनता से छल?
हुड्डा ने कहा:
- यह सिर्फ कार्ड का आंकड़ा नहीं, चुनावी लाभ के लिए वोटर को लुभाने की चाल थी।
- वोट मिलते ही बीपीएल लाभार्थियों को सूची से हटा दिया गया।
- “गरीबी हटाने की बजाय गरीबों को ही सिस्टम से मिटाया जा रहा है।”
🛑 PPP सिस्टम और फैमिली आईडी पर भी सवाल
- कई शिकायतें मिली हैं कि PPP (परिवार पहचान पत्र) में गलत तरीके से फोर-व्हीलर जोड़कर कार्ड रद्द किए गए।
- लोगों की आर्थिक स्थिति की असल जांच किए बिना उन्हें लाभ से वंचित किया गया।
💬 सरकारी योजनाओं को बंद करने के आरोप
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा:
“कांग्रेस सरकार के समय गरीबों को राहत देने वाली कई योजनाएं चलती थीं, जिन्हें बीजेपी ने सत्ता में आकर बंद कर दिया।”
बंद की गई योजनाओं में शामिल हैं:
- दाल-रोटी योजना
- नमक और सरसों तेल सब्सिडी
- स्कूली बच्चों के वजीफे
- 100 गज के प्लॉट और मकान निर्माण अनुदान
- फ्री वॉटर कनेक्शन, पाइपलाइन और टंकी योजना
🗳️ चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
हुड्डा ने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा:
“इस बीपीएल कार्ड घोटाले का कड़ा संज्ञान लिया जाए, ताकि जनता के साथ हुए धोखे की जांच हो सके।“
उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में 22 हजार वोटों के मामूली अंतर से बनी सरकार ने वोट खरीदने का काम किया।
हरियाणा में बीपीएल कार्ड को लेकर गहराता विवाद अब सीधे चुनाव प्रक्रिया और सरकारी नीतियों पर सवाल खड़े कर रहा है।
अगर आरोप सही हैं, तो यह सिर्फ घोटाला नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और लोकतंत्र के साथ धोखा है।