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एक राष्ट्र-एक चुनाव लोकतंत्र में नई व्यवस्था नहीं: मदन राठौड़

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) की अध्यक्षता में रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय, जयपुर में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ अभियान को लेकर बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अभियान के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव, प्रदेशभर के संभागीय पदाधिकारी, सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस, पूर्व कुलपति, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर व सैन्य अधिकारी शामिल हुए।

लोकतंत्र में पुरानी लेकिन प्रासंगिक व्यवस्था : मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कोई नई अवधारणा नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था भारत की आजादी के बाद शुरूआती वर्षों में लागू थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बार-बार बाधित किया, जिससे यह प्रणाली स्थायी रूप से लागू नहीं रह सकी।

आर्थिक बचत और प्रशासनिक स्थिरता का ज़रिया : राठौड़ (Madan Rathore) ने कहा कि एक साथ चुनाव होने से हजारों करोड़ रुपये की बचत संभव है, जो अलग-अलग चुनावों में खर्च हो जाते हैं। इसके अलावा, बार-बार आचार संहिता लागू होने से विकास कार्यों में जो रुकावट आती है, उससे भी राहत मिलेगी। उन्होंने दावा किया कि इस प्रणाली से देश की GDP में लगभग 1.5% की वृद्धि संभव है।

नीति निर्माण और विकास में तेजी : उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्यों में एक साथ सरकार बनने से नीति निर्माण में समन्वय रहेगा, जिससे विकास योजनाओं को गति मिलेगी और प्रशासनिक स्थिरता बनी रहेगी। संसाधनों का प्रभावी उपयोग भी सुनिश्चित होगा।

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जन जागरूकता और समर्थन की अपील : इस अवसर पर अभियान के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को सफल बनाने के लिए केवल सरकार नहीं, बल्कि हर नागरिक को जागरूक और सहभागी बनना होगा। उन्होंने कहा कि यदि इस पहल को जन समर्थन मिला, तो केंद्र सरकार इसे कानूनी रूप देने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

प्रबुद्धजनों का पूर्ण समर्थन : बैठक में शामिल प्रबुद्धजनों, शिक्षाविदों और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने अभियान को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। सभी ने मिलकर इस प्रणाली को लोकतंत्र की मजबूती और विकास की गति का आधार बताया।

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