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दिल्ली ब्लास्ट के बाद ED का बड़ा धमाका! अल फलाह ग्रुप फाउंडर जावेद सिद्दीकी गिरफ्तार—छापों में मिले चौंकाने वाले सबूत

Al Falah University: अल फलाह ग्रुप फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED का बड़ा एक्शन

Al Falah University: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन और फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार कर लिया।

यह कार्रवाई दिल्ली ब्लास्ट के बाद शुरू हुई जांच के दौरान मिली अहम जानकारियों और सबूतों के आधार पर की गई। गिरफ्तार आरोपी को मेडिकल करवाने के बाद साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जांच कैसे शुरू हुई?

ED की जांच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की दो FIR पर आधारित है।
इन FIR में आरोप था कि:

  • Al Falah University ने गलत तरीके से NAAC मान्यता का दावा किया।
  • विश्वविद्यालय ने UGC सेक्शन 12(B) के तहत मान्यता होने की झूठी सूचना दी।
  • इससे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह कर वित्तीय लाभ उठाया गया।

UGC ने स्पष्ट किया है:

  • अल फलाह यूनिवर्सिटी केवल सेक्शन 2(f) के तहत स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी है।
  • उसने कभी 12(B) के लिए आवेदन नहीं किया।

अल फलाह ट्रस्ट कैसे काम करता है?

  • ट्रस्ट की स्थापना 8 सितंबर 1995 को हुई।
  • जावेद अहमद सिद्दीकी शुरुआत से ट्रस्टी रहे, और पूरे ग्रुप को वही नियंत्रित करते हैं।
  • सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी इसी ट्रस्ट के तहत चलते हैं।
  • ED को शक है कि ट्रस्ट का तेज विस्तार उनकी वास्तविक वित्तीय क्षमता से मेल नहीं खाता।

ED की छापेमारी में क्या मिला?

दिल्ली में 19 लोकेशन पर छापेमारी की गई, जिसमें:

  • अल फलाह यूनिवर्सिटी
  • ट्रस्ट से जुड़े अधिकारी
  • चेयरमैन जावेद सिद्दीकी के करीबी लोगों के घर शामिल थे

छापेमारी में मिला:

  • ₹48 लाख से ज्यादा कैश
  • कई डिजिटल डिवाइस
  • दस्तावेज़
  • कई शेल कंपनियों के सबूत
  • परिवार की कंपनियों को दिए गए ठेके
  • फंड्स की गलत लेयरिंग और मनी डायवर्जन के रिकॉर्ड

गिरफ्तारी क्यों हुई?

ED का आरोप:

  • जावेद सिद्दीकी ट्रस्ट की वित्तीय गतिविधियों को असल में नियंत्रित करते हैं
  • ट्रस्ट के पैसों को परिवार की कंपनियों में डायवर्ट किया गया
  • कई लेनदेन नियमों के खिलाफ पाए गए
  • अपराध से कमाई गई रकम को छिपाने और घुमाने के सबूत मिले

सभी प्रमाणों के आधार पर ED ने कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए गिरफ्तारी की पुष्टि की।

ED की यह कार्रवाई दिल्ली ब्लास्ट के बाद बढ़ी सुरक्षा और इंटेलिजेंस एक्टिविटी के बीच बड़े वित्तीय फर्जीवाड़े का खुलासा करती है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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