
Wolf Attack in Bahraich: बहराइच में लौट आया आदमखोर भेड़िया!
Wolf Attack in Bahraich: 7 दिन, 6 हमले और 2 मासूमों की दर्दनाक मौत—उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बार फिर भेड़िए का आतंक लौट आया है। बीते एक हफ्ते में कई गांवों में ताबड़तोड़ हमले हुए हैं, जिनमें दो बच्चियों की जान चली गई और छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
कहां हो रहे हमले?
ये हमले बहराइच जिले की कैसरगंज और बौंडी थाना क्षेत्र के गांवों में हो रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित गांव हैं:
- बाबनपुरवा
- मंझारा तौकली
- परागपुरवा
- भौंरी बहोरवा
- सिपहिया हुलास
- नंदवल
केस दर केस: दिल दहला देने वाली घटनाएं
केस 1: गाय को रोटी खिला रही महिला पर हमला
60 वर्षीय शिव प्यारी पर भेड़िए ने पीछे से हमला कर दिया। वह अभी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।
केस 2: खाना खा रही 4 साल की बच्ची को उठा ले गया
परागपुरवा में एक बच्ची को भेड़िया घर से उठा ले गया। सुबह उसका शव खेत में मिला।
केस 3: चारपाई पर सो रहे युवक पर हमला
18 वर्षीय आदर्श शुक्ला पर हमला हुआ, लेकिन साहस दिखाकर उसने खुद को बचा लिया।
केस 4: मां की गोद से बच्ची को ले गया भेड़िया
3 माह की बच्ची को रात 3 बजे भेड़िया उठा ले गया। सुबह अधखाया सिर मिला।
केस 5-6: दो वृद्ध महिलाओं पर हमला
70 वर्षीय चंद्रा देवी और सारथी देवी पर हमले हुए, दोनों अस्पताल में भर्ती हैं।
क्यों हो रहे हैं भेड़िए के हमले?
- बाढ़ के कारण भेड़ियों की मांद उजड़ गई है, जिससे वे इंसानी बस्तियों की ओर आ रहे हैं।
- गन्ने के खेतों ने उन्हें छुपने की सुरक्षित जगह दी है।
- गांवों के किनारे बसे घर सबसे ज्यादा खतरे में हैं।
- रात के अंधेरे और बिजली की कमी से भेड़िए शिकार कर भाग जाते हैं।
बचाव के लिए क्या कर रहा प्रशासन?
- ड्रोन कैमरों से निगरानी
- लाउडस्पीकर से जागरूकता अभियान
- पिंजरे में खरगोश रखकर फंदा लगाया गया
- बंगाल और भोपाल से एक्सपर्ट टीमें तैनात
- रात में गश्त के लिए बोलेरो गाड़ियां तैनात
पिछले साल भी मचा था आतंक
2024 में 6 भेड़िए पकड़े गए थे, लेकिन तब तक 6 लोगों की मौत और 60 से ज्यादा घायल हो चुके थे। इस बार भी हमलों का पैटर्न वही है, लेकिन इलाका बदल गया है।
किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?
- गांव के किनारे रहने वाले लोग
- छोटे बच्चे
- महिलाएं जो खेतों या खुले में जाती हैं
- रात में अकेले निकलने वाले लोग
प्रशासन की अपील
- बच्चों को अकेले बाहर न निकलने दें
- रात में बाहर न निकलें
- गांववासी झुंड में रहें, एक साथ निकलें
- गन्ने के खेतों के पास सावधानी बरतें
बहराइच में भेड़िए का आतंक फिर सिर उठा रहा है। यह सिर्फ एक वन्यजीव संकट नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा और जीवन से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। प्रशासन और ग्रामीणों को मिलकर इस खतरे से निपटने की जरूरत है।