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400 फीट गहरी खाई में समा गई मजदूरों से भरी वैन! धनबाद कोयला खदान हादसे ने दहला दिया पूरा इलाका

Dhanbad coal mine accident : 400 फीट गहरी खाई में गिरी वैन, 6 मजदूरों की मौत

Dhanbad coal mine accident: झारखंड के धनबाद जिले में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। बीसीसीएल (BCCL) के एरिया-4 के अंगारपथरा ओपी क्षेत्र की एक ओपन कास्ट कोयला खदान में मिट्टी धंसने (ओबी स्लाइड) से मजदूरों से भरी वैन लगभग 400 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

अब तक 6 मजदूरों की मौत की पुष्टि

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाहन में कुल 8 मजदूर सवार थे। खदान में पानी भरे होने के कारण डूबने की भी आशंका जताई गई

बचाव कार्य तेज़ी से जारी:

  • बीसीसीएल प्रबंधन, धनबाद पुलिस, और बचाव दल मौके पर तुरंत पहुंचे
  • सुरक्षा विभाग की टीम ने रस्सियों की मदद से खाई में उतरकर बचाव कार्य शुरू किया
  • जेसीबी मशीनों की मदद से रास्ता बनाया गया

बीसीसीएल अधिकारियों ने बताया कि 6 मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और शेष को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

⚠️ नियमों की अनदेखी बनी हादसे की वजह?

स्थानीयों ने जताया प्रबंधन पर आक्रोश

ग्रामीणों और मजदूर संगठनों ने हादसे के लिए खदान प्रबंधन को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि:

डीजीएमएस (Directorate General of Mines Safety) के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया था। ट्रेंच कटिंग सही तरीके से नहीं की गई थी, जिससे मिट्टी धंस गई।”

इतना ही नहीं, हादसे के साथ-साथ पास की बस्ती में भू-धंसाव भी हुआ, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

सांसद ढुल्लू महतो ने की जांच की मांग

धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो ने घटनास्थल का दौरा किया और हादसे को बीसीसीएल की लापरवाही का नतीजा बताया।

“यह एक बेहद गंभीर मामला है। उच्चस्तरीय जांच की मांग की जाएगी ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।”

मौके से दृश्य

  • हादसे के बाद खदान के चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल
  • बचावकर्मी, पुलिस, और स्थानीय लोग घटनास्थल पर
  • मजदूरों के परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन

अब क्या हो?

घटना के बाद बीसीसीएल पर निगरानी बढ़ने की संभावना है। मजदूर संगठनों ने नियमों की पालना सुनिश्चित करने, क्षतिपूर्ति देने, और सुरक्षा मानकों को कड़ा करने की मांग की है।

धनबाद कोयला खदान हादसा 2025 ने एक बार फिर कोयला क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक तरफ परिवारों ने अपनों को खो दिया, वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक लापरवाही की सच्चाई सामने आ रही है।

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