देशराज्य

आस्था पूनिया ने तोड़ा परंपरा का बंधन, भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं

Astha Poonia First Woman Fighter Pilot: भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया (Astha Poonia First Woman Fighter Pilot) ने एक नया इतिहास रचते हुए पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत साहस और समर्पण की मिसाल है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है।

विशाखापत्तनम में ऐतिहासिक उपलब्धि

तीन जुलाई को आईएनएस डेगा, विशाखापत्तनम में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान आस्था पूनिया ने द्वितीय बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स (Basic Hawk Conversion Course) सफलतापूर्वक पूर्ण किया। इस अवसर पर उन्हें गोल्डन विंग्स से सम्मानित किया गया, जो फाइटर पायलट के रूप में उनकी नियुक्ति का प्रतीक है। यह सम्मान उन्हें सहायक नौसेना प्रमुख (एयर) रियर एडमिरल जनक बेवली द्वारा प्रदान किया गया।

उनके साथ लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल ने भी कोर्स पूरा किया, लेकिन आस्था की ऐतिहासिक उपलब्धि ने समारोह की पूरी चमक बटोरी।

Read Also: अब नहीं चलेगा देश विरोधी खेल! वायरल वीडियो होंगे ब्लॉक, सरकार की नई पॉलिसी तैयार

लड़ाकू पायलट के रूप में महिलाओं की शुरुआत

भारतीय नौसेना में अब तक महिलाएं (Astha Poonia First Woman Fighter Pilot) टोही विमानों और हेलीकॉप्टरों के संचालन में शामिल रही हैं। हालांकि, लड़ाकू विमानों में महिला पायलट की यह पहली नियुक्ति है, जो नौसेना के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है। यह कदम सेना में महिलाओं की भूमिका को न केवल मान्यता देता है, बल्कि उनके लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोलता है।

नौसेना के प्रवक्ता ने कहा, “सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया का फाइटर स्ट्रीम में आना, नौसेना की लैंगिक समानता की प्रतिबद्धता और नारी शक्ति को बढ़ावा देने का प्रतीक है।”

सशस्त्र बलों में महिलाओं की उल्लेखनीय प्रगति

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों की भागीदारी में निरंतर वृद्धि देखी गई है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों ने भी साहस और नेतृत्व का परिचय देकर देश और दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।

नारी शक्ति को मिली नई ऊंचाई

आस्था पूनिया की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों की बेटियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। यह साबित करता है कि अगर अवसर और समर्थन मिले तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं – चाहे वह युद्धक विमान उड़ाना ही क्यों न हो। भारतीय नौसेना में उनका यह प्रवेश समानता, साहस और संभावनाओं की एक नई उड़ान है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button