New Delhiदेश

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों पर अब कसेगा शिकंजा, फीस बिल 2025 लाएगा बड़ा बदलाव!

दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी पर अब सख्त कार्रवाई होगी।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल फीस बिल 2025 (Delhi School Fee Bill 2025) को अध्यादेश के जरिए लागू करने का ऐलान किया है। इस बिल का मकसद निजी स्कूलों में फीस वृद्धि की अनियमितताओं पर रोक लगाना और अभिभावकों का आर्थिक शोषण रोकना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। अब यह अध्यादेश उपराज्यपाल के पास राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

नए नियमों (Delhi School Fee Bill 2025) के तहत, प्रत्येक निजी स्कूल को स्कूल स्तरीय फीस विनियमन समिति गठित करनी होगी।

इस समिति में स्कूल प्रबंधन के अध्यक्ष, प्रधानाचार्य, तीन शिक्षक, पांच अभिभावक (जिनमें अनुसूचित जाति/जनजाति और दो महिलाएं शामिल होंगी) और शिक्षा निदेशालय का एक पर्यवेक्षक होगा। यह समिति स्कूल की फीस वृद्धि को तीन साल के लिए मंजूरी देगी। फीस बढ़ाने का फैसला 18 मापदंडों पर आधारित होगा, जैसे स्कूल भवन की स्थिति, वित्तीय स्थिति, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय और खेल के मैदान की गुणवत्ता।

बिल की मुख्य विशेषताएं

  • प्राइवेट स्कूलों में अनियंत्रित फीस वृद्धि पर रोक
  • तीन-स्तरीय समिति प्रणाली का गठन (स्कूल, जिला और राज्य स्तर)
  • उल्लंघन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और मान्यता रद्द का प्रावधान
  • 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी

फीस निर्धारण प्रक्रिया

पैरामीटरविवरण
समिति संरचनास्कूल प्रबंधन + शिक्षक + अभिभावक + शिक्षा विभाग प्रतिनिधि
मूल्यांकन आधार18 मापदंड (इंफ्रास्ट्रक्चर, शैक्षणिक सुविधाएं, वित्तीय स्थिति)
अपील प्रक्रिया15% अभिभावक असहमति पर जिला समिति में अपील

यदि समिति समय पर सिफारिशें देने में विफल रहती है, तो मामला जिला स्तरीय समिति को भेजा जाएगा। अगर वहां भी समाधान नहीं होता, तो सात सदस्यों वाली राज्य स्तरीय समिति अंतिम फैसला लेगी। अगर 15% अभिभावक समिति के फैसले से असहमत हैं, तो वे जिला समिति में अपील कर सकते हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर 10 लाख तक का जुर्माना और उनकी मान्यता रद्द हो सकती है।

Readalso: जयपुर में शतरंज का नया सितारा: कौन बना पार्वती गोस्वामी मेमोरियल का चैंपियन?

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा,

“यह अध्यादेश 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और दिल्ली के 1677 निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएगा।” यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को पारदर्शी और सुलभ बनाना है। स्कूलों को 31 जुलाई तक समितियां गठित कर 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

यह बिल दिल्ली के लाखों अभिभावकों के लिए राहत लेकर आएगा, जो अक्सर बेतहाशा फीस वृद्धि से परेशान रहते हैं। दिल्ली स्कूल फीस बिल 2025 (Delhi School Fee Bill 2025) शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो सकता है।

Disclaimer: यह जानकारी समाचार स्रोतों पर आधारित है। नियमों और अध्यादेश की स्थिति में बदलाव हो सकता है। नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक सूत्रों की जांच करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button