
प्रयागराज: महाकुंभ (Mahakumbh) मेला में रविवार रात 1-2 बजे के बीच हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हुए हैं। यह हादसा तब हुआ जब भारी भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए और श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को कुचलना शुरू कर दिया। घायलों का इलाज कुंभ क्षेत्र के सेक्टर-2 में बने अस्पताल में चल रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
डीआईजी कुंभ ने दी जानकारी
डीआईजी मेला, वैभव कृष्ण ने बताया कि हादसा महाकुंभ (Mahakumbh) में भारी भीड़ के दबाव के कारण हुआ। उन्होंने बताया, “यह भगदड़ (stampede) रात 1 से 2 बजे के बीच मची थी। इस हादसे में अब तक 30 मृतकों में से 25 की पहचान हो गई है, जिनमें चार कर्नाटका और एक गुजरात के श्रद्धालु शामिल हैं। बाकी की पहचान की जा रही है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वहां कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था।
श्रद्धालुओं से अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संतों ने श्रद्धालुओं से अनुशासन बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु अपने पास के घाट पर स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें।
स्वामी रामभद्राचार्य ने भी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अपने सुरक्षा का ध्यान रखें और शिविर से बाहर न निकलें। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने भी कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल होता है, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरि है।
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अखाड़ा परिषद और बाबा रामदेव की अपील
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, “इस समय करीब 12 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं, और इस विशाल भीड़ के बीच संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।” योग गुरु बाबा रामदेव ने भी श्रद्धालुओं से सावधानीपूर्वक स्नान करने और अनुशासन का पालन करने की अपील की है।
हेल्पलाइन जारी
घायल श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है।
यह घटना महाकुंभ (Mahakumbh) मेला क्षेत्र की सुरक्षा और प्रबंधन के सवालों को उठाती है, जिसके बाद प्रशासन की ओर से नए सुरक्षा इंतजामों के लिए विचार किए जा रहे हैं।