Smoking and Vaping Ban: पर्यटकों को लगा बड़ा झटका, मालदीव में लागू हुआ “नो स्मोकिंग, नो वेपिंग” नियम
Smoking and Vaping Ban : भारतीयों के बीच बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल मालदीव ने अब तंबाकू और ई-सिगरेट (Vaping) के इस्तेमाल को लेकर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया है। नए नियमों के तहत अब देश में धूम्रपान और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का प्रयोग पूरी तरह गैरकानूनी माना जाएगा। इस नियम का असर स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों पर भी समान रूप से पड़ेगा।
वेपिंग और ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध
मालदीव के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि देश में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, वेपिंग प्रोडक्ट्स और तंबाकू आधारित किसी भी डिवाइस के आयात, बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
यह प्रतिबंध सभी आयु वर्गों और राष्ट्रीयताओं पर समान रूप से लागू होगा।

कानून तोड़ने पर भारी जुर्माना
मालदीव सरकार ने कहा है कि जो व्यक्ति किसी नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचता या उपलब्ध कराता है, उस पर 50,000 रूफिया (लगभग ₹2.84 लाख) का जुर्माना लगाया जाएगा।
वहीं, यदि कोई व्यक्ति वेपिंग डिवाइस का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे 5,000 रूफिया (लगभग ₹28,400) का जुर्माना देना होगा।
अन्य देशों में भी लागू हैं कड़े प्रतिबंध
ब्रिटेन में भी “Generational Smoking Ban” का प्रस्ताव चल रहा है, जिसमें 2009 के बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति को सिगरेट खरीदने की अनुमति नहीं होगी।
वहीं, न्यूजीलैंड ऐसा प्रतिबंध लागू करने वाला पहला देश था, लेकिन नवंबर 2023 में इसे राजनीतिक कारणों से वापस ले लिया गया।
मालदीव में स्मोकिंग दर चिंताजनक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक लोग तंबाकू सेवन के कारण अपनी जान गंवाते हैं।
मालदीव में स्थिति और भी गंभीर रही है — देश की 15 से 69 वर्ष की आबादी में लगभग 25% लोग तंबाकू का सेवन करते हैं।
13 से 15 वर्ष के किशोरों में यह दर लगभग दोगुनी थी, जिसके चलते सरकार को सख्त कदम उठाने पड़े हैं।
भारतीय पर्यटकों पर सीधा असर
भारत से हर साल हजारों लोग मालदीव घूमने जाते हैं। अब इन पर्यटकों को भी देश के नो स्मोकिंग, नो वेपिंग नियम का पालन करना होगा।
एयरपोर्ट, होटल और बीच जैसे पब्लिक प्लेसेज में धूम्रपान करते पकड़े जाने पर सीधा जुर्माना लगाया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य — “स्मोक-फ्री फ्यूचर”
मालदीव सरकार का कहना है कि यह कदम युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधारने की दिशा में उठाया गया है।
देश का लक्ष्य 2030 तक स्मोक-फ्री नेशन बनने का है।




