
PM मोदी का नामीबिया की संसद में ऐतिहासिक भाषण (PM Modi Namibia Speech) : साझा विकास से लेकर प्रोजेक्ट चीता तक सबका जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच देशों के विदेश दौरे के आखिरी चरण में नामीबिया पहुंचे। स्टेट हाउस में उन्हें राष्ट्रपति नेतुम्बो नदैतवा ने गर्मजोशी से स्वागत किया और 21 तोपों की सलामी दी गई। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नामीबिया की तीसरी यात्रा है।

इस दौरान उन्होंने नामीबिया की संसद को संबोधित किया और यह भाषण कई मायनों में खास रहा। पीएम मोदी ने लोकतंत्र, संविधान, नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति, क्रिकेट वर्ल्ड कप, और प्रोजेक्ट चीता जैसे विषयों को बड़े भावनात्मक और व्यावहारिक अंदाज में छुआ (PM Modi Namibia Speech)।
🗣️ संविधान की ताकत और लोकतंत्र पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में बोलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा,
“भारत का संविधान ही है, जिसकी वजह से एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी राष्ट्रपति बनती है और मुझ जैसे गरीब परिवार से आया व्यक्ति तीसरी बार प्रधानमंत्री बनता है। जिसके पास कुछ नहीं, उसके पास संविधान की गारंटी होती है।”
🧕 महिला नेतृत्व और नामीबिया की राष्ट्रपति को बधाई
पीएम मोदी ने नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति के चयन को ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि भारत भी गर्व से कहता है – मैडम प्रेसिडेंट।
🕊️ स्वतंत्रता संग्राम में भारत की भूमिका
उन्होंने कहा कि भारत नामीबिया की आजादी के संघर्ष में हमेशा साथ खड़ा रहा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका का मुद्दा उठाया था। उन्होंने याद दिलाया कि नामीबिया में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल दीवान प्रेम चंद ने किया था।
🐆 प्रोजेक्ट चीता और भारत में नई जिंदगी
पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट चीता पर बात करते हुए कहा कि,
“आपने भारत को चीतों की वापसी में मदद की, इसके लिए हम आभारी हैं। मुझे कुनो राष्ट्रीय उद्यान में उन्हें छोड़ने का अवसर मिला। वे अब खुश हैं और उनकी संख्या भी बढ़ी है।”
🏏 क्रिकेट विश्व कप और ‘ईगल्स’ टीम को शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने 2027 क्रिकेट विश्व कप की सह-मेजबानी के लिए नामीबिया को बधाई दी।
“अगर आपकी टीम ‘ईगल्स’ को क्रिकेट से जुड़ी कोई सलाह चाहिए, तो आप जानते हैं कि कॉल किसे करना है!”
🌱 साझा भविष्य और विकास की दिशा
उन्होंने कहा कि भारत और नामीबिया सिर्फ अतीत के रिश्तों पर नहीं, बल्कि साझा भविष्य पर भी काम कर रहे हैं। भारत ने नामीबिया के विज़न 2030 में भागीदारी और समर्थन की प्रतिबद्धता जताई।
अब तक 1700+ नामीबियाई छात्र भारत में छात्रवृत्तियों और प्रशिक्षण से लाभान्वित हो चुके हैं।
🌍 साझेदारी, न कि प्रभुत्व की नीति
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत अफ्रीका में सहयोग चाहता है, न कि प्रतिस्पर्धा।
“हम शक्ति से नहीं, साझेदारी से, प्रभुत्व से नहीं, संवाद से और बहिष्कार से नहीं, समता से भविष्य बनाना चाहते हैं।”
🏅 पीएम मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
नामीबिया सरकार ने पीएम मोदी को “Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis” सम्मान से नवाजा। यह उनके कार्यकाल में मिला 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
📌 निष्कर्ष
PM Modi Namibia Speech न केवल ऐतिहासिक था, बल्कि यह भारत-अफ्रीका संबंधों को नई दिशा देने वाला भी साबित हुआ। साझा विकास, लोकतंत्र और सांस्कृतिक संबंधों की मजबूत नींव पर आधारित यह भाषण आने वाले समय में द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती देगा।