
जयपुर: अखिल भारतीय क्षत्रिय (Kshatriya) महासभा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक (Core Committee Meeting) में समाज के वरिष्ठजन और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। इस बैठक का उद्देश्य राजस्थान के क्षत्रिय समाज को एकजुट करना और उनकी सेवा में अधिक योगदान देने के प्रयासों को आगे बढ़ाना है। महासभा ने समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए क्षत्रिय समाज की ऐतिहासिक भूमिका और उसके देश के लिए योगदान को प्रमुखता से चर्चा की।
बैठक (Core Committee Meeting) में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे क्षत्रिय (Kshatriya) समाज ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण और उन्नति में अपना अहम योगदान दिया है। समाज ने सदियों से देश के लिए बलिदान और कुर्बानियाँ दी हैं। आज भी, समाज के सदस्य अपनी मेहनत और समर्पण से देश की समृद्धि और संस्कृति को बढ़ावा देने में सक्रिय हैं।
महासभा के प्रतिनिधियों का कहना था कि उनका यह प्रयास न केवल क्षत्रिय (Kshatriya) समाज को जोड़ने का है, बल्कि भारतीय संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण का भी है। वे मानते हैं कि भारतीय संस्कार समुद्र के समान गहरे और व्यापक हैं, जो हमेशा देशवासियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की गई, जिनके नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को एक नई दिशा मिली है। प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि और भारतीय संस्कारों के प्रति उनके समर्पण ने भारतीय संस्कृति को मजबूती दी है। यह संस्कृति अब सागर की तरह फैल रही है, जो आकाश को छूने की क्षमता रखती है।
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महासभा के इस कार्यक्रम में उपस्थित लोग समाज की एकजुटता और सामूहिक प्रयासों की मिसाल पेश करते हुए अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने समाज के उत्थान और भारतीय संस्कृति के विकास के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।
यह आयोजन भारतीय संस्कृति और समाज के विकास में योगदान देने के लिए सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा।