Mission Swadeshi: Microsoft को कहा टाटा, ज़ोहो की ओर बढ़े मंत्री वैष्णव – क्या अब भारत में शुरू होगी डिजिटल स्वदेशी क्रांति?
जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, तब भारत झुका नहीं। अब, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक और बड़ा संदेश दिया है—माइक्रोसॉफ्ट को अलविदा कहकर ज़ोहो की ओर रुख करना।
Mission Swadeshi: जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ (Donald Trump Tariff) के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, तब भारत झुका नहीं। अब, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने एक और बड़ा संदेश दिया है—माइक्रोसॉफ्ट को अलविदा कहकर ज़ोहो (Zoho App) की ओर रुख करना।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मंत्री वैष्णव ने ऐलान किया, “मैं ज़ोहो (Zoho App) की ओर जा रहा हूं – दस्तावेज़ों, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन के लिए हमारा अपना स्वदेशी प्लेटफॉर्म। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को अपनाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के स्वदेशी (Made in India) आह्वान में शामिल हों।”
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‘एक राष्ट्र, एक कर’ और आत्मनिर्भर भारत
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को और तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के व्यापारियों से बातचीत करते हुए GST (वस्तु एवं सेवा कर) को ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
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क्या है ZOHO – भारत का डिजिटल योद्धा
1996 में चेन्नई में स्थापित ज़ोहो, (Zoho App) एक भारतीय बहुराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो क्लाउड आधारित बिज़नेस सॉफ्टवेयर और वेब टूल्स प्रदान करती है। यह:
- दस्तावेज़ निर्माण (Docs)
- स्प्रेडशीट प्रबंधन (Sheets)
- प्रजेंटेशन टूल्स (Show)
- CRM, ईमेल, अकाउंटिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जैसी सैकड़ों सेवाएं
जैसी सुविधाओं के ज़रिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अन्य वैश्विक प्लेटफॉर्म्स को कड़ी टक्कर दे रही है
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डिजिटल स्वतंत्रता की ओर एक मजबूत कदम
अश्विनी वैष्णव का यह कदम सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि एक वैचारिक क्रांति (Zoho App) है। यह संकेत है कि अब भारत न केवल आर्थिक और सैन्य रूप से, बल्कि डिजिटल दुनिया में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है।
क्या आप भी तैयार हैं स्वदेशी सॉफ्टवेयर अपनाने के लिए?
यह सिर्फ एक मंत्री का फैसला नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है हर भारतीय के लिए—कि हम भी विदेशी प्लेटफॉर्म्स की जगह स्वदेशी विकल्पों को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत में योगदान दे सकते हैं।
डिजिटल इंडिया (Digital India) अब एक नारा नहीं, एक वास्तविकता बन रही है। ज़ोहो जैसे प्लेटफॉर्म यह साबित कर रहे हैं कि भारत में प्रतिभा, संसाधन और संकल्प की कोई कमी नहीं। अब बारी है हर नागरिक की—स्वदेशी अपनाइए, आत्मनिर्भरता बढ़ाइए।



