
🐶 सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर फैसले (Supreme Court stray dogs decision) पर गरमाई सियासत, मेनका गांधी और राहुल गांधी ने जताई नाराजगी
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025: सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के निर्देश (Supreme Court stray dogs decision) पर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस फैसले पर जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने तीखा विरोध दर्ज कराया, वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी खुलकर मेनका गांधी के सुर में सुर मिलाते नजर आए।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया आदेश में दिल्ली-NCR क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जाए।
यह फैसला जन सुरक्षा और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया, लेकिन इसके मानवीय और व्यवहारिक पहलुओं पर सवाल खड़े हो गए हैं।
🗣️ मेनका गांधी ने बताया “गुस्से में लिया गया फैसला”
भाजपा नेता और पशु प्रेमी मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कड़ी आलोचना करते हुए कहा:
“यह कोई व्यावहारिक आदेश नहीं है। इससे सिर्फ कानून-व्यवस्था बिगड़ेगी। न सरकार ने कोई सरकारी शेल्टर बनाए हैं, और न ही इस समस्या का स्थायी समाधान सोचा गया है।“
“यह आदेश गुस्से में दिया गया एक अजीबोगरीब फैसला है। और गुस्से में लिए गए फैसले कभी समझदारी भरे नहीं होते।“
🐾 राहुल गांधी ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“दिल्ली-NCR से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-आधारित नीति से एक कदम पीछे हटने जैसा है।“
“ये बेजुबान जीव कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटाया जा सके। आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल जैसे समाधान क्रूरता के बिना सड़कों को सुरक्षित बना सकते हैं।“
राहुल ने इसे क्रूर और अदूरदर्शी कदम करार दिया और कहा कि जन सुरक्षा और पशु कल्याण एक साथ संभव हैं।
🧠 क्या हैं विशेषज्ञों की राय?
पशु अधिकार कार्यकर्ता और विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्लैंकेट रिमूवल पॉलिसी (सभी आवारा कुत्तों को हटाना) व्यवहारिक और मानवीय दोनों ही स्तरों पर गलत है।
ABC पॉलिसी (Animal Birth Control), टीकाकरण, और स्थानीय निगरानी को ही अधिक टिकाऊ और करुणामयी समाधान माना जाता है।
🔚 निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्ते फैसला पर देश के दो प्रमुख नेताओं – मेनका गांधी और राहुल गांधी – का एक जैसे सुर में बोलना इस मुद्दे की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या अदालत इस पर पुनर्विचार करेगी, या सरकार इस आदेश को लागू करने की दिशा में कोई वैकल्पिक व्यवस्था लाएगी।