
इन दिनों महाकुंभ काफी चर्चाओं में है और हो भी क्यों न… क्योंकि यह महाकुंभ (Maha Kumbh) भारतीय संस्कृति और सभ्यता का एक ऐसा महासंगम है जो भारतीय संस्कृति के मूल्यों को जीवंत और जाग्रत रखने का सशक्त माध्यम है। महाकुंभ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक दिव्य महोत्सव है, क्योंकि यहां सब समान और सबका सम्मान है। यहाँ का प्रमुख भाव यह है कि किस प्रकार आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा की जाए, क्योंकि हम सभी एक ही ब्रह्मांड का हिस्सा हैं और हमारा दायित्व है कि दूसरों का सहयोग करें और उनके सुख-दुख में भागीदार बनें।
कुंभ मेला (Maha Kumbh) – एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महोत्सव
कुंभ मेला को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है। यह मेला हर 12 सालों के अंतराल पर हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है, जिसमें प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ सबसे भव्य होता है। यह मेला 30 से 45 दिनों तक चलता है और हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दौरान, लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान (Ganga Snan) करने आते हैं, क्योंकि मान्यता है कि गंगा स्नान से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज के प्रसिद्ध 5 घाटों पर स्नान

यदि आप भी महाकुंभ (Maha Kumbh) में शामिल होने जा रहे हैं तो प्रयागराज के इन पांच घाटों में से किसी एक पर स्नान जरूर करें। यहां स्नान करने से आप पुण्य लाभ अर्जित करेंगे और मन में असीम ऊर्जा के साथ लौटेंगे।
केदार घाट
यह घाट भगवान शिव को समर्पित है और यहां पर विशेष रूप से शिवभक्त (Shivbhagt) आते हैं। सावन में यहां लाखों कांवड़िए गंगा स्नान करते हैं और पुण्य लाभ कमाते हैं। यहां पर स्नान करने और भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है।
हांडी फोड़ घाट
प्रयागराज के प्राचीन घाटों में से एक यह घाट नदी की शांत लहरों के बीच स्थित है। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को मानसिक शांति मिलती है।
संगम घाट
गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित यह घाट कुंभ के दौरान स्नान करने के लिए प्रमुख स्थल है। यहां स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का उपाय माना जाता है। आप यहां नाव की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं।
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बलुआ घाट
इस घाट पर साधु-संतों (Sadhu sant) का जमावड़ा रहता है। यदि आप ध्यान योग करना चाहते हैं या संतों का महात्म्य प्राप्त करना चाहते हैं तो यह घाट आपके लिए अत्यंत उपयुक्त है। यह घाट भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूर स्थित है।महाकुंभ: दिल्ली से प्रयागराज के लिए ट्रेन यात्रा, जानें किराया और जरूरी जानकारी
महाकुंभ (Maha Kumbh) में छह शाही स्नान
महाकुंभ मेले के दौरान कुल छह शाही स्नान होंगे, जिनकी तिथियां निम्नलिखित हैं:
पहला शाही स्नान – 13 जनवरी 2025
दूसरा शाही स्नान – 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति)
तीसरा शाही स्नान – 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या)
चौथा शाही स्नान – 2 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी)
पांचवां शाही स्नान – 12 फरवरी 2025 (माघ पूर्णिमा)
आखिरी शाही स्नान – 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि)
महाकुंभ में शुभ संयोग
महाकुंभ(Maha Kumbh) मेले के दौरान एक विशेष शुभ संयोग भी बनने जा रहा है। 13 जनवरी को रवि योग का निर्माण सुबह 7:15 बजे से होगा और इसका समापन सुबह 10:38 बजे होगा। इसी दिन भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
महाकुंभ मेले में यह शुभ संयोग सभी श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक लाभकारी और पुण्यकारी साबित होगा।