
ट्रंप के टैरिफ पर भारत का मास्टरस्ट्रोक: ₹20,000 करोड़ का निर्यात मिशन (India’s Export Mission) तैयार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद भारत सरकार ने मजबूत जवाबी रणनीति(India’s Export Mission) तैयार कर ली है। सितंबर 2025 से लागू होने जा रही इस नई योजना का बजट ₹20,000 करोड़ रखा गया है। इसका उद्देश्य है — ‘ब्रांड इंडिया’ को वैश्विक मंच पर नई पहचान देना, छोटे कारोबारियों को सशक्त बनाना और हर जिले को निर्यात केंद्र (Export Hub) में बदलना।
🔍 क्या है भारत का निर्यात मिशन?
यह योजना केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों — वाणिज्य मंत्रालय, MSME मंत्रालय और वित्त मंत्रालय — की संयुक्त साझेदारी में बनाई जा रही है। इसके प्रमुख बिंदु हैं:
- छोटे कारोबारियों को बिना ज़मानत लोन
- गैर-टैरिफ बाधाओं को आसान बनाना
- ब्रांड इंडिया की वैश्विक ब्रांडिंग
- हर जिले को निर्यात हब बनाना
- नई तकनीकों और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना
🏭 MSME को मिलेगा बड़ा फायदा
सरकार का मकसद है कि MSME यानी छोटे और मझोले उद्यम भी ग्लोबल मार्केट तक पहुंच सकें। इसके लिए उन्हें बिना किसी भारी गारंटी के लोन मिलेगा ताकि वे अपना बिजनेस और उत्पादन बढ़ा सकें। योजना की तैयारियां अगस्त में पूरी कर ली जाएंगी और सितंबर 2025 से इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
🌐 ‘ब्रांड इंडिया’ को मिलेगी इंटरनेशनल पहचान
जैसे जापान, कोरिया और स्विट्जरलैंड अपने हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट्स के लिए जाने जाते हैं, वैसे ही भारत भी अपने उत्पादों को ‘ब्रांड इंडिया’ के तहत वैश्विक बाजार में प्रस्तुत करेगा।
FIEO के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, “अगर ₹20,000 करोड़ की यह राशि सही दिशा में खर्च होती है, तो भारतीय निर्यातकों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।”
🛃 ट्रंप का टैरिफ अटैक: भारत पर 25% टैक्स
7 अगस्त से ट्रंप सरकार ने ऐलान किया है कि भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लागू होगा। इससे भारत के करीब \$85 अरब डॉलर सालाना निर्यात का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हो सकता है।
🗣️ ट्रंप की धमकी और भारत का पलटवार
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा:
“भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है, जबकि रूस यूक्रेन में निर्दोष लोगों को मार रहा है। इसलिए अब भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगेगा।”
भारत सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपने आर्थिक हितों की रक्षा करना हर देश का अधिकार है और अमेरिका व यूरोप खुद भी रूस से ऊर्जा खरीदते हैं। भारत ने ट्रंप के बयान को “दोगलापन (Hypocrisy)” करार दिया है।
📈 निष्कर्ष: भारत अब बचाव में नहीं, जवाबी मोड में
अमेरिका के टैरिफ हमले के बीच भारत अब सिर्फ बचाव में नहीं, बल्कि आक्रामक निर्यात रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। ₹20,000 करोड़ की इस योजना से न सिर्फ छोटे व्यापारी सशक्त होंगे, बल्कि भारत की पहचान वैश्विक मंच पर और मजबूत होगी।