CBSE का बड़ा ऐलान: अब 2026 से 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी, जानिए नई व्यवस्था की पूरी डिटेल

🗞️ नेशनल डेस्क | नई शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई का ऐतिहासिक फैसला
CBSE (Central Board of Secondary Education) ने 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा प्रणाली में बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने की घोषणा की है। अब 2026 से 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार (CBSE 10th exam change 2026) आयोजित की जाएगी। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत लिया गया है, जिसका मकसद परीक्षा प्रणाली को लचीला, छात्र-केंद्रित और तनाव-मुक्त बनाना है।
CBSE 10th exam change 2026 : 📅दो परीक्षाएं, एक लक्ष्य – जानें नया शेड्यूल
- मुख्य परीक्षा (फरवरी-मार्च):
यह परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी और इसे ही बोर्ड की मुख्य परीक्षा माना जाएगा। - सुधार परीक्षा (मई):
यह एक विकल्प होगी, जिसमें वे छात्र शामिल हो सकेंगे जो मुख्य परीक्षा में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं और नंबर सुधारना चाहते हैं।
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🧑🎓 छात्रों को मिलेंगे ये विकल्प:
- छात्र चाहें तो दोनों परीक्षाओं में हिस्सा ले सकते हैं, या केवल मुख्य परीक्षा में।
- सिर्फ बेहतर प्रदर्शन वाले परीक्षा परिणाम को फाइनल माना जाएगा।
- लेकिन, विषयों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा, यानी दोनों बार वही विषय होंगे।
📝 मूल्यांकन और मेरिट सर्टिफिकेट में बदलाव:
- मेरिट सर्टिफिकेट सिर्फ सुधार परीक्षा के बाद जारी किया जाएगा।
- पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की कॉपियों की सुविधा भी केवल सुधार परीक्षा के बाद मिलेगी।
🎯 क्यों किया गया ये बदलाव?
CBSE का यह कदम ‘रट्टा आधारित शिक्षा प्रणाली’ से हटकर छात्रों की समझ, विश्लेषण क्षमता और स्किल्स पर केंद्रित मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए है। इससे छात्रों पर एक बार में प्रदर्शन करने का दबाव कम होगा और उन्हें आत्मविश्वास के साथ परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
📌 निष्कर्ष:
CBSE 10वीं परीक्षा बदलाव 2026 से छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आ रहा है। साल में दो बार परीक्षा होने से प्रदर्शन सुधारने का मौका मिलेगा और शिक्षा प्रणाली ज्यादा व्यावहारिक और तनाव रहित बन पाएगी।